सत्यखबर,बरवाला,,कपिल महता
बरवाला से पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला ने प्रदेश सरकार द्वारा सरसों व गेहूं की खरीद को लेकर व्यापारी विरोधी नीतियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। घोड़ेला ने इसे सरकार की तानाशाही करार देते हुए अपने तुगलकी फरमान का तुरंत वापस लेने तथा पुरानी खरीद व्यवस्था को पुन: बहाल करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो सरकार को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
पूर्व विधायक घोड़ेला ने किसानों व व्यापारी के साथ को चोली दामन का साथ करार देते हुए कहा कि सरकार खरीद व्यवस्था में अपनी नाकामी को छुपाने की आड़ में किसानों को ऑनलाइन भुगतान करने व व्यापारी वर्ग का कमिशन घटाने जैसे तुगलकी फरमान जारी कर रही है। उन्होंने कहा कि जब किसानों को व्यापारियों के माध्यम से खरीद किए जाने में कोई आपत्ति नहीं है तो सरकार जानबूझ कर उनके बीच दरार क्यों पैदा करना चाहती है। घोड़ेला ने कहा कि किसानों व व्यापारियों का संबंध केवल फसल खरीद तक या व्यापारिक ही नहीं, बल्कि पारिवारिक संबंध है और दोनों वर्ग एक दूसरे के सुख दुख के साथी रहे हैं। ऐसे में सरकार अब नए नए फरमान जारी कर उनके बीच बाधा क्यों बन रही है। घोड़ेला ने कहा कि इस मामले को लेकर व्यापारी वर्ग द्वारा जताया जा रहा विरोध जायज है। अगर ऐसे ही हालात रहे तो किसानों को फसल बेचने में काफी परेशानी उठानी पड़ेगी, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि अब फसलें मंडी में पहुंच चुकी है। ऐसे में सरकार की पहली प्राथमिकता फसल खरीद की होनी चाहिए। लॉकडाउन के चलते किसान व व्यापारी वर्ग पहले ही दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़कर अपना फैसला वापस ले और व्यापारियों के माध्यम से फसल खरीद शुरू की जाए। इसके साथ ही व्यापारियों को दिया जाने वाला कमिशन भी पहले वाला ही निर्धारित किया जाए ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई परेशानी ना उठानी पड़े।
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