सत्य खबर, दिल्ली
कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए किसान और सरकार आमने-सामने हैं। एक तरफ किसान भी दिल्ली को घेरने के लिए सिंघु बॉर्डर पर धरना देकर बैठे हैं। किसान सिंघु बॉर्डर पर 27 नवंबर से धरना देकर बैठे हुए हैं। किसानों ने अपनी ट्रैक्टर-ट्रालियों को घर बनाया हुआ है।
ट्रालियों को कमरे का रूप देकर पूरी व्यवस्था उनके अंदर रखते हैं। खाद्य सामग्री से लेकर सोने तक की व्यवस्था ट्राली के अंदर है तो किसी को नीचे सोना होता है तो वह गद्दे या वाटर प्रूफ टेंट का इस्तेमाल करता है।
यहां किसानों के लिए कई तरह के इंतजाम जैसे वाशिंग मशीन से लेकर पैर की मालिश करने वाली मशीन तक सभी लगी हैं। धरनास्थल पर कुछ किसान सुबह उठकर नहाने के बाद शबद कीर्तन करते हैं, जबकि उनके साथ के युवा किसान चाय व उसके साथ कुछ खाने जैसे पकौड़े आदि को बनाने में जुट जाते हैं।
उसके बाद सभी नाश्ता करके धरने में पहुंच जाते हैं, जहां उनको अगली रणनीति की जानकारी मिलती है। वहां कुछ समय बिताने के बाद दोपहर के खाने की तैयारी के लिए वापस आ जाते है और लंगर तैयार किया जाता है। लंगर चखने के बाद कुछ देर आराम करते हैं और घर बातचीत करते है तो आपस में आंदोलन की चर्चा भी करते हैं।
Aluminium recycling industry expertise Aluminium scrap shipping Metal waste repurposing technologies