सत्य खबर, उचाना
उचाना : तीन कृषि कानूनों के विरोध में खटकड़ टोल पर किसानों का धरना 16वें दिन भी जारी रहा। आसपास के गांवों से महिलाओं की भागदारी हर रोज बढ़ रही है। धरने की अध्यक्षता बिरखा राम खटकड़ ने की। किसान एकता मंच महिला सेल की जिला प्रधान सिक्किम सफाखेड़ी ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए किसान लड़ाई लड़ रहा है। खेतों की कमान महिलाएं संभालेंगी ताकि निरंतर बॉर्डर पर किसान धरना देते रहे। 26 जनवरी से पहले किसानों की मांगों को अगर केंद्र सरकार ने नहीं माना तो महिलाएं भी ट्रैक्टर चला कर दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचेंगी। अब लड़ाई सरकार से करो, मरो की है। सरकार किसानों को आपस में लड़वाना चाहती है, लेकिन सरकार की यह मंशा पूरी नहीं होगी। करनाल के कैमला गांव में सरकार का प्रयास था कि वो किसानों को आपस में लड़वा दे, लेकिन किसान आज एकजुट है। ये एक वर्ग की लड़ाई नहीं है बल्कि पूरे देश के किसान समाज, आमजन की लड़ाई है।
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लोहड़ी को मनाएंगे किसान एकता दिवस के रूप में
किसान नेता आजाद पालवां, सतबीर पहलवान ने कहा कि 13 जनवरी को लोहड़ी के पर्व पर पूरे देश भर में किसान एकता दिवस के रुप में मनाएंगे। इस दिन जो तीन कृषि कानून बने है उनकी प्रतियां फूंकी जाएगी। 18 जनवरी को किसान महिला दिवस मनाएंगे। इस दिन धरना की अध्यक्षता व मंच का संचालन महिलाएं ही करेगी। सर छोटूराम की पुण्य तिथि पर हजारों किसानों ने किसान यात्रा निकाल कर यह दिखा दिया है कि दिल्ली इससे कई गुणा संख्या में किसान पहुंचेंगे। इस मौके पर बिजेंद्र संधु, ईश्वर खटकड़, भरत सिंह, अमरजीत, जयप्रकाश खटकड़, लीलूराम, लीला छापड़ा, राजेंद्र जैन, चांदी, रामनिवास करसिधु, अनिल सुरबरा, ज्ञानीराम, वीरेंद्र उचाना, रमेश, रघुबीर, कमलेश, कमला, राजपति मौजूद रहे।
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