सत्यखबर हरियाणा (अशोक छाबड़ा) – डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि उद्योगों को वापस सुचारू करने को लेकर प्रदेश सरकार निरंतर कदम उठा रही है। प्रदेश में रोडवेज बसें चलाकर परिवहन सुविधा को वापस सुचारू किया गया है और कार्यालयों में भी कार्य शुरू कर दिए गए हैं। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि गेहूं खरीद के दौरान इस वर्ष कहीं भी जाम की स्थिति नहीं बनी।
किसी भी किसान को फसल बिक्री के लिए रात को अनाज मंडियों में नहीं ठहरना पड़ा। कोरोना वायरस के चलते फिजिकल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए अस्थाई खरीद केंद्र भी बनाए गए। शेड्यूल बना किसानों के पास मैसेज, कॉल की गई, ताकि वो उसी दिन मंडी आए जिस दिन उनकी गेहूं की खरीद हो। वे करसिंधु गांव में अजमेर के लड़के निधन पर शोक प्रकट करने आए थे।
कुछ नेताओं को सुचारू गेहूं की खरीद प्रक्रिया हजम नहीं हुई
डिप्टी सीएम ने कहा कि अब उठान कार्य भी तेजी से करवाया जा रहा है। कुछ नेता लॉकडाउन के बावजूद सुचारू रूप से चल रही खरीद प्रक्रिया को हजम नहीं कर पा रहे हैं और तरह-तरह की बयानबाजी करने के आदि हो गए हैं। वास्तविकता यह है कि किसान को उसकी गेहूं की फसल की खरीद का भुगतना तथा आढ़ती को उसकी ढाई प्रतिशत आढ़त का भुगतान हो। इसके लिए 22 हजार करोड़ रुपए का कैश क्रेडिट का प्रबंध पहले ही किया जा चुका है।
खराब फसल के नुकसान की होगी भरपाई
प्रदेश के किसानों को बारिश की वजह से खराब हुए फसल के दाने (लस्टर लॉस) का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। इस नुकसान की पूरी भरपाई केंद्र सरकार करेगी। प्रदेश सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत पहले से दोगुने रोजगार दिए जाएंगे। देश में सबसे ज्यादा दिहाड़ी हरियाणा सरकार देगी। इस बार 450 करोड़ से बढ़ाकर 1000 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। रूके हुए मनरेगा के काम शुरू हो गए हैं।
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