सत्य खबर
सरकारी आंकड़ों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड खाली दिखाए जा रहे हैं, फिर भी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा। परिजनों को अपने मरीज की जान बचाने के लिए भटकना पड़ रहा है। बेकाबू हो रहे कोरोना संक्रमण के बीच हरियाणा में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड़ों को लेकर असमंजस्य की स्थिति बनी हुई है। सरकार की ओर जारी हेल्थ बुलेटिन में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड खाली दिखाए जा रहे हैं। हकीकत में अस्पताल बेड खाली न होने की बात कहकर मरीजों को इलाज के लिए भर्ती नहीं कर रहे।
हेल्थ बुलेटिन के अनुसार प्रदेशभर में मंगलवार तक 13988 ऑक्सीजन बेड में से 5881 खाली हैं। ऐसे ही 1920 वेंटिलेटर बेड में से 278 खाली बताए जा रहे हैं। लेकिन एनसीआर और जीटी बेल्ट के जिलों में गंभीर मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं। तीमारदार एक अस्पताल से दूसरे में भागदौड़ कर रहे हैं। हकीकत में अस्पताल बेड खाली न होने की बात कहकर मरीजों को इलाज के लिए भर्ती नहीं कर रहे। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार प्रदेशभर में मंगलवार तक 13988 ऑक्सीजन बेड में से 5881 खाली हैं।
ऐसे ही 1920 वेंटिलेटर बेड में से 278 खाली बताए जा रहे हैं। लेकिन एनसीआर और जीटी बेल्ट के जिलों में गंभीर मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं। तीमारदार एक अस्पताल से दूसरे में भागदौड़ कर रहे हैं। खानपुर, करनाल और अग्रोहा के मेडिकल कॉलेजों में नए मरीजों को भर्ती करने से इनकार कर दिया है। मरीजों को भर्ती न करने की वजह बेड फुल होना बताया जा रहा है।
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करनाल, पानीपत, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, कैथल व यमुनानगर में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं। हिसार जिले में ऑक्सीजन उत्पादन में दिकक्त आ रही है। हिसार जिले में कोई वेंटिलेटर बेड खाली नहीं है। गुरुग्राम और फरीदाबाद के हालात इससे भी खराब हैं। फतेहाबाद व जींद में ऑक्सीजन के बेड फुल हो चुके हैं। अंबाला में भी अब बहुत कम बेड खाली बचे हैं। कैथल में सिर्फ 10 बेड खाली हैं। भिवानी, सिरसा, नारनौल, रेवाड़ी में ऑक्सीजन उपलब्ध है और बेड भी मिल रहे हैं।
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