सत्य खबर, नई दिल्ली
कोरोना वायरस के केसेज एक बार फिर से बढऩे लगे हैं और खासकर पांच राज्यों में मिल रहे नए कोरोना मरीजों ने एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है। इन पांच राज्यों में से भी केरल और महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे ज्यादा केस मिल रहे हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों को नाइट कफ्र्यू लगाने पर विचार करने की सलाह दी है। बता दें कि देश में शुक्रवार को एक बार फि र से 44 हजार से ज्यादा कोरोना के नए मरीज मिले हैं और अब कोरोना से हो रही मौतों की संख्या में भी इजाफ ा हो रहा है। केंद्रीय गृह सचिव ने नाइट कफ्र्यू लगाने की दी है सलाह
कोरोना के बढ़ते नए मरीजों की संख्या को लेकर केंद्र सरकार की चिंता बढ़ गई है और गुरुवार को केंद्रीय गृह सचिव ने महाराष्ट्र और केरल के अफ सरों के साथ मीटिंग भी की थी। मीटिंग में होम सेक्रेटरी ने राज्यों से पूछा कि आखिर कैसे हम उन इलाकों में कोरोना पर लगाम लगा सकते हैं, जहां केस ज्यादा मिल रहे हैं। दोनों राज्य सरकारों से उन्होंने नाइट कफ्र्यू लगाने की संभावना पर भी विचार करने को कहा है। गृह सचिव ने केरल और महाराष्ट्र सरकारों से कहा कि वे टीकाकरण के अभियान में तेजी लाएं और यदि वैक्सीन की कमी होती है तो उसकी मांग करें।
केसेज बढ़े तो फि र पाबंदियां लगा दी जाएंगी
होम सेक्रेटरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने आने वाले फेस्टिव सीजन के दौरान नियमों का पालन करने की नसीहत दी है। केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे सामाजिक कार्यक्रमों पर रोक लगाएं और फेस्टिवल के दौरान भी भीड़भाड़ नहीं जुटने दें। यदि आने वाले दिनों में कोरोना के केसों में और इजाफ ा होता है तो एक बार फि र से लॉकडाउन के दिन वापस लौट सकते हैं।
इन पांच राज्यों ने फि र से चिंता बढ़ा दी है
केरल में ओणम में दी गई छूट के बाद कोविड मामलों में जबरदस्त उछाल आया और गुरुवार को राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 30000 के पार पहुंच गई। पिछले हफ्ते केरल में प्रति एक लाख पर 561 केस सामने आए थे। 27 मई के बाद भारत में अगर एक दिन में सबसे ज्यादा मामले किसी राज्य में आए तो वह तमिलनाडु है। अगर देश के कुल मामलों में से केरल के संख्या हटा दें तो कोविड मामलों में काफ ी गिरावट दर्ज की जा सकती है और यह घटकर प्रति लाख पर 11 केस हो जाएगा।
महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के पांच राज्यों आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक की संख्या अगर एक साथ मिलाएं तो पता चलता है कि इन क्षेत्रों में प्रति मिलियन निवासियों पर औसत नए मामले 7 फ ीसदी 76.8 से 81.9 तक बढ़े हैं जो चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।
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