सत्यखबर, यूपी
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले किसानों की नाराजगी का खतरा योगी सरकार मोल नहीं लेना चाहती है। इसीलिए सरकार और संगठन ने हर स्तर पर किसानों को खुश करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। योगी ने दो दिन पहले ही किसान संवाद कार्यक्रम में यह ऐलान किया था कि गन्ने के अगले पेराई सत्र से SAP की दरों में बढ़ोतरी की जाएगी। साथ ही सरकार ने उन किसानों के ऊपर लगे मुकदमों को वापस लेने का फैसला लिया है जो पराली जलाने को लेकर लगाए गए थे। सरकार के इन फैसलों को लेकर बीजेपी ने किसानों के बीच जाने का प्लान तैयार किया है। उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं। इस लिहाज से सरकार अब हर वह मुमकिन कोशिश करने में जुटी है जिसके तहत लोगों को खुश किया जा सके क्योंकि किसानों के एक बहुत बड़े वर्ग में सरकार के प्रति काफी गुस्सा है।
योगी ने इसी गुस्से को भांपते हुए ये एलान किए हैं। योगी के एलान के दो दिन बाद ही सरकार ने 868 किसानों को चिन्हित भी कर लिया है, जिनके ऊपर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे।बीजेपी के सूत्रों की माने तो बीजेपी का ये अभियान सितंबर से अक्टूबर के बीच उस समय चलाया जाएगा जब गन्ने की पेराई का सीजन शुरू होगा। पार्टी ने यूपी किसान मोर्चा को इस अभियान को लेकर प्लान बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस अभियान के तहत किसानों को MSP के बारे में भी बताया जाएगा जो केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से बढ़ाया गया है।दरअसल बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि विपक्ष की तरफ से सरकार के कामकाज को लेकर अफवाहें फैलाई के रही हैं।
खासतौर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों के बीच ये अभियान चला रखा है। इससे किसानों के बीच सरकार की नाराजगी भी है। दूसरी ओर आरएलडी भी किसानों के बीच अपनी पैठ बनाने में जुटी है, उसे भी लगता है की पार्टी को संजीवनी देने का इससे बढ़िया मौका नहीं मिलेगा। इस लिहाज से बीजेपी ने किसानों के बीच जाने के लिए प्लान तैयार किया है। आने वाले दिनों में योगी सरकार किसानों के हितों से जुड़े और भी फैसले ले सकती है। लखनऊ के पांच कालीदास मार्ग पर किसानों के साथ संवाद के दो दिन के भीतर ही सरकार ने उन जिलों किनसूची जारी कर दी है, जहां के किसानों पर पराली जलाने को लेकर दर्ज किए गए की वापस लिए जाएंगे।
इनमें लखीमपुर खीरी के 165, महाराजगंज के 129, पीलीभीत के 108, रामपुर के 45, रायबरेली बे 43, झांसी के 30 और औरैया के 25 किसान शामिल है। हालाकि सरकार के सूत्र बताते हैं कि आने वाले दिनों में और भी किसानो को इस तरह की राहत मिल सकती है।BKU नेता राकेश टिकैत ने सरकार के इस फैसले और बीजेपी के प्रस्तावित अभियान पर सवाल खड़ा किया है। टिकैत ने कहा कि जब सरकार को इन मुकदमों को वापस ही लेना था तो फिर दर्ज क्यों किए गए थे। जिन लोगों के मुकदमे हटाए जा रहे हैं वो किसान नहीं बीजेपी के लोग हैं। हम तो सरकार से पूछना चाहते हैं कि सरकार उन किसानों की सूची क्यों नहीं जारी करती जिनकी आमदनी दोगुनी हुई है। मोदी सरकार तो चिल्ला चिल्लाकर कह रही है की क्षणों की आमदनी दो गुनी हो रही है। बीजेपी के वादों को लेकर हम भी किसानों के बीच जाएंगे और इनकी असलियत बताएंगे।
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