सत्य खबर, हरियाणा
कोरोना टीकाकरण की तैयारियों में जुटी केंद्र को हरियाणा सरकार ने महत्वपूर्ण पत्र लिखा है। बीते सप्ताह लिखे पत्र में सांसदों, विधायकों को टीकाकरण की प्राथमिकता सूची में शामिल करने का आग्रह किया गया है। सरकार के इस पत्र के सार्वजनिक होने पर विरोध के सुर भी उठने लगे हैं। निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू व कांग्रेस नेता वेद प्रकाश विद्रोही ने माननीयों को पहले टीका लगाने की सिफारिश पर उंगली उठाई है।
हरियाणा सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखे पत्र में सांसदों और विधायकों को वीवीआईपी मानते हुए कोरोना से बचाव के लिए पहले टीका लगाने का प्रस्ताव रखा है। हरियाणा में 10 लोकसभा सांसद, 90 विधायक व पांच राज्यसभा सांसद हैं। सरकार ने पत्र में तर्क दिया है कि सांसद और विधायक जनप्रतिनिधि हैं। वे लोगों से मिलते रहते हैं। सरकारी स्तर पर भी उनके काफी काम होते हैं, इसलिए संक्रमण से बचाव के लिए उन्हें कोरोना टीकाकरण की प्राथमिकता सूची में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि वे महामारी की चपेट में न आएं।
पत्र में मेयर, बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैन, सरपंच, जिला परिषद चेयरमैन या अधिकारियों को प्राथमिकता सूची में शामिल करने का आग्रह नहीं किया गया है। सरकार के इस पत्र पर विधायक बलराज कुंडू ने ट्वीट कर लिखा है कि ताज्जुब है सरकार की निम्न स्तरीय सोच पर। सबसे पहले सांसदों, विधायकों को कोरोना वैक्सीन क्यों दी जाए भला? डॉक्टरों, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, अस्पताल कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी, टीचर्स एवं पत्रकार समेत उन सभी का अधिकार सबसे पहले है जो कोरोना के खिलाफ जंग में सबसे आगे खड़े हैं।
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