सत्यखबर
देश के निजी अस्पतालों कोरोना वैक्सीन की कीमत 6 गुना बढ़ गई है। पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड वैक्सीन 250 रुपये में लग रही थी और अब इसके लिए 700 से 900 रुपये वसूले जा रहे हैं। इसी तरह भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल 1250 से 1500 रुपये वसूल रहे हैं।
CoWIN की वेबसाइट के मुताबिक प्राइवेट सेक्टर के चार बड़े कॉरपोरेट हॉस्पिटल्स ग्रुप वैक्सीनेशन में शामिल हैं। इनमें अपोलो, मैक्स, फोर्टिस और मनिपाल शामिल हैं।अधिकांश देशों में कोरोना की वैक्सीन मुफ्त लगाई जा रही है। लेकिन भारत उन चंद देशों में शामिल है जहां लोगों को वैक्सीन के लिए अपनी जेब से खर्च करना पड़ रहा है। साथ ही भारत उन देशों में शामिल है जहां प्राइवेट सेक्टर में वैक्सीन की कीमत सबसे ज्यादा है। देश में प्राइवेट अस्पताल में कोविशील्ड वैक्सीन लगाने का खर्च करीब 12 डॉलर और कोवैक्सिन लगाने का खर्च करीब 17 डॉलर है। वहीं इस पर निजी अस्पतालों ने कहा कि जीएसटी और ट्रांसपोर्टेशन तथा स्टोरेज कॉस्ट के साथ कोविशील्ड की कीमत 660 से 670 रुपये बैठती है। इनमें से 5-6 फीसदी वैक्सीन टूटफूट के कारण बर्बाद हो जाती है। इस तरह प्रति डोज वैक्सीन की कीमत 710 से 715 रुपये बैठती है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगाने के चार्ज में हैंड सैनिटाइजर, स्टाफ के लिए पीपीई किट, बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल आदि की लागत भी शामिल है जो 170 से 180 रुपये बैठती है।
इस तरह वैक्सीन की प्रति डोज लागत 900 रुपये बैठती है।यह साफ नहीं है कि अस्पतालों के लिए वैक्सीन खरीद की कीमत उतनी ही है जितनी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने घोषित की है या नहीं। भारत बायोटेक ने निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन की कीमत 1200 रुपये और एसआईआई ने 600 रुपये रखी है। राज्यों को इससे आधी कीमत पर वैक्सीन दी जा रही है। पब्लिक हेल्थ एक्टिविस्ट्स का कहना है कि कीमतों में भारी अंतर से निजी क्षेत्र के लिए ज्यादा वैक्सीनों की आपूर्ति हो सकती है क्योंकि इससे वैक्सीन कंपनियों को ज्यादा फायदा होगा। कई राज्य सरकारें शिकायत कर रही हैं कि वैक्सीनेशन के लिए उनके पास पर्याप्त वैक्सीन नहीं है। दिल्ली में रोजाना 1 लाख वैक्सीन लगाई जा रही हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री का कहना है कि उनके पास 4-5 दिन का स्टॉक बचा है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने शनिवार को कहा था कि एसआईआई के सीईओ ने उन्हें बताया था कि कंपनी 26 मई तक राज्य को कोविशील्ड की आपूर्ति नहीं कर सकती है।
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तेलंगाना में वैक्सीन की कमी के कारण राज्य में केवल 45 साल से अधिक उम्र के लोगों पर ही वैक्सीन लग रही है। केरल ने भी शिकायत की है कि उसे केवल 3 लाख वैक्सीन मिली है जबकि उसने 1 करोड़ वैक्सीन मांगी थी। छोटे अस्पतालों को भी वैक्सीन नहीं मिल रही है। कई अस्पतालों ने कोविशील्ड के लिए ऑर्डर दिया था लेकिन कंपनी का कहना है कि उसे पहले केंद्र और राज्य सरकारों को आपू्र्ति करनी है और फिर वह निजी अस्पतालों को वैक्सीन देगी। कंपनी का कहना है कि वह अभी वैक्सीन का ऑर्डर नहीं ले रही है।
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