सत्य खबर, हिसार
शनिवार को जिले में कोरोना संक्रमण से 50वीं मौत हो गई। हिसार के एक प्राइवेट अस्पताल में उपचाराधीन रतिया उपमंडल के गांव महमड़ा के 45 वर्षीय व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। लेकिन परिजनों द्वारा प्राइवेट अस्पताल का भारी भरकंप बिल नहीं दे पाने पर अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को मृतक का शव देने से इनकार कर दिया। मृतक के बेटे अमरजीत सिंह, सुरजीत सिंह, मंजीत सिंह का आरोप है कि वे शुगर की बीमारी का इलाज करवाने के लिए मरीज को लेकर गए थे।
उसे कोरोना पॉजिटिव बताकर अस्पताल प्रशासन ने केवल कोरोना का ही इलाज शुरू कर दिया जिसके चलते उसकी मौत हो गई। इतना ही नहीं आरोप है कि बार-बार छुट्टी देने काे कहने के बाद भी डाक्टरों ने मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया तथा 3 लाख 24 हजार बिल बना दिया।
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परिजनों के अनुसार जब उन्होंने इतने रुपये देने से असमर्थता जताई तो डॉक्टरों ने 1 लाख रुपये देने की बात कही। इसके बाद वे 70 हजार रुपये लेने पर अड़े रहे तथा शव नहीं दिया। इसके बाद जब परिजनों ने विरोध किया तो हिसार प्रशासन के दखल के बाद अस्पताल प्रशासन ने 10 घंटे बाद फतेहाबाद स्वास्थ्य विभाग को मृतक का शव सौंप दिया। यहां बता दें कि 30 सितंबर को घबराहट होने पर मृतक को हिसार के निजी अस्पताल में एडमिट किया गया था। मृतक शुगर की बीमारी से ग्रस्त था।
अक्टूबर में अब तक 13 लोगों की मौत
जिले में अक्टूबर महीने में अब तक 13 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में अधिकतर गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे। इससे पहले जिले में अगस्त व सितंबर महीने में 29 लोगों की मौत हुई थी।
शाम 5 बजे दिया था शव : डिप्टी सीएमओ
हमने एंबुलेंस भेजने के आदेश दिए थे। लेकिन बिल नहीं देने की बात के चलते एंबुलेंस देरी से भेजी गई थी। हिसार प्रशासन के लेवल पर मृतक का शव देने का निर्णय हुआ हमें शव शाम 5 बजे मिला। -डॉ. हनुमान, डिप्टी सीमएओ।
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