क्रोध को नष्ट करने के लिए धैर्य की आवश्यकता – हरिराम
सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – क्रोध को नष्ट करने के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है। यह बात बाबा हरिराम ने उपमंडल के कुरड़ गांव में गुरू गौरखनाथ आश्रम में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने मन व चित्त को परिशुद्ध करके इष्र्या, बैर और क्रोध को निकाल दें। सुख की प्राप्ति के लिए मन को शुद्ध करना जरूरी है। मन के कर्म ही मनुष्य को जीवन में आगे और पीछे ले जाते हैं।अज्ञानता काटने के लिए प्रज्ञारूपी तलवार जरूरी है।
क्लेश को खत्म करने के लिए मेहनत की जरूरत है। अच्छे कर्म से ही मानव जीवन मिलता है। जीवन में शांति पाने के लिए क्रोध पर काबू पाना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि जीने के लिए सजग और सावधान रहने की आवश्यकता है। जिसके भाग्य में जो लिखा है, उसे वही मिलेगा और परेशान होने से कुछ अतिरिक्त प्राप्त नहीं होने वाला। सर्वोच्च सत्ता ईश्वर के ही हाथ में है। यदि वह आपसे नाराज है तो दुनिया की कोई ताकत आपकी मदद नहीं कर सकती।