सत्यखबर चंडीगढ़ (ब्यूरो रिपोर्ट) – हरियाणा की खापों और जेजेपी में आंख-मिचौली का खेल जारी है। आंख-मिचौली इस बात को लेकर हो रही है कि जेजेपी और इनेलो के बीच एकता हो या नहीं हो। सूबे की ताकतवर खापें दबाव बना रही हैं कि दोनों दल एक हो जाएं। दूसरी तरफ, दुष्यंत और उनका परिवार खापों को इस बारे में कोई आश्वासन देने को तैयार नहीं है।
लेकिन मामला क्योंकि खापों का है और जेजेपी उन्हें नाराज़ भी नहीं करना चाहती, इसलिए दुष्यंत किसी न किसी तरह मामले को लटकाने में लगे हैं।
खापों की तरफ से आज दुष्यंत को पत्र लिखा गया कि वो जेजेपी-इनेलो की एकता के बारे में अपना रुख साफ करें। दुष्यंत ने आज ही सार्वजनिक रूप से जवाब दे दिया।
दुष्यंत ने साफ किया कि इस मुद्दे को लेकर दो घटनाक्रम हुए हैं। पहला ये कि उनके छोटे भाई दिग्विजय सिंह अपने पिता अजय चौटाला से मिले। अजय चौटाला ने उनसे कहा कि वो एक हफ्ते-दस दिन में जब भी जेल से बाहर आएंगे, तो वो ओम प्रकाश चौटाला और प्रकाश सिंह बादल के कहे स्थान पर उनसे मिलेंगे और पारिवारिक एकता की बात करेंगे। उसमें कोई राजनीतिक बात होगी, तो वो भी देखेंगे।
दूसरा घटनाक्रम ये रहा कि जेजेपी के ज़िला अध्यक्ष और नेता पानीपत में मिले। इसमें राजनीतिक एकता की भी बात हुई। क्योंकि सबकी राय अलग अलग थी, इसलिए फैसला अजय चौटाला पर छोड़ दिया गया। अजय चौटाला जो कहेंगे, वैसा किया जाएगा। दुष्यंत ने ये ब्योरा भी दिया।
पूरे घटनाक्रम का लब्बो-लुआब ये था कि दुष्यंत एकता की बात को टालते नज़र आए। क्यों हरियाणा में खापों का सामाजिक महत्व है और खापें कहीं जेजेपी के खिलाफ रुख न ले लें, इसलिए वो ऐसी भाषा का प्रयाग करते रहे जिससे वो सार्वजनिक रूप से खापों के विरोध में जाते हुए न दिखें। जहां तक एकता की बात है, न दुष्यंत और न ही उनके परिवार की इस तरफ कोई रुचि है। खापें चाहे अपना लाख सिर खपा लें।
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