सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज बेरी हलके के गांव रोहद में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान दीपेंद्र हुड्डा रोहद टोल पर धरनारत किसानों के बीच पहुंचे और उनसे मुलाकात कर हाल-चाल जाना। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी का भाजपा का दावा फेल हो गया है। रबी की एमएसपी वृद्धि की सरकारी घोषणा के बाद भाजपा सरकार के वादों और दावों की हवा निकल गयी है। सरकार का किसान विरोधी चेहरा पूरी तरह उजागर हो गया है। यूपीए सरकार के समय हर साल 9 से 10 प्रतिशत एमएसपी वृद्धि होती थी। लेकिन भाजपा सरकार ने इस साल गेंहू की एमएसपी में केवल 2 प्रतिशत की वृद्धि की है पिछले साल भी करीब 2 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई थी। जबकि महंगाई वृद्धि दर ही 6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार ने किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का वादा किया था उस समय गेंहू का एमएसपी 1600 रुपये था इस हिसाब से किसानों की दोगुनी आमदनी के लिये एमएसपी 3200 रुपये होनी चाहिए थी। लेकिन 2022 में गेहूं की एमएसपी सिर्फ 2015 रुपये ही होगी। इस दौरान बेरी विधायक डॉ. रघुबीर कादयान मौजूद रहे।
दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि 2022 के सीजन के लिये गेहूं की एमएसपी में मात्र 40 रुपये बढ़ोत्तरी से किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। भाजपा सरकार ने 2015-16 में वादा किया था कि 2022 में किसानों की आमदमी दोगुनी कर देगी और जब भाजपा ने ये घोषणा की थी तब गेहूं का एमएसपी 1600 रुपये था। दूसरी कक्षा में पढ़ने वाला बच्चा भी जानता है कि 1600 का दोगुना 2015 नहीं अपितु 3200 होता है। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी तो दोगुनी हुई नहीं उलटे किसानों पर कर्जा और खर्चा दोगुना जरुर हो गया। उन्होंने बताया कि किसानों पर कर्जा 9 लाख से बढकर 18 लाख करोड़ हो गया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि 7 साल में इस सरकार ने किसान को सबसे ज्यादा चोट मारी। डीजल-पेट्रोल के दाम रोज़ तेज़ी से बढ़ रहे हैं। 1 सितम्बर 2015 को देश की राजधानी में डीजल का रेट 44.45 रुपये प्रति लीटर था जो आज दोगुना हो कर 88.66 रुपये हो गया है।
उन्होंने आज गन्ने के रेट में घोषित की गयी 12 रुपये की वृद्धि को नाकाफी बताते हुए कहा कि 7 साल से सत्ता में बैठी बीजेपी सरकार गन्ने का रेट केवल 362 रुपये तक ही किया। जबकि, 2015-16 में गन्ने का रेट 317 रुपये था, जिसका दोगुना 634 रुपये होता है। इस हिसाब से भाजपा सरकार को गन्ना किसान की आमदनी दोगुनी करने के लिये रेट 634 रुपये करना चाहिए था। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने गन्ने के रेट में रिकॉर्डतोड़ 193 रुपये की बढ़ोत्तरी करते हुए उसे 117 से बढ़ाकर 310 रुपये तक पहुंचाया था। साथ ही समय से भुगतान भी सुनिश्चित कराया, सरकार छोड़ते समय 2014 में गन्ना मिलों पर किसानों का एक पैसा बकाया नहीं था।
Aluminium scrap catalyst processing Aluminum scrap packaging Metal scrap yard services