सत्यखबर, हिसार
20 अगस्त को विधानसभा मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस द्वारा महंगाई व नकल के खिलाफ किए गए प्रदर्शन पर बाल संरक्षण आयोग ने पूर्व सीएम हुड्डा समेत तीन कांग्रेसी विधायकों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस इस प्रदर्शन में शामिल किए गए दस साल के बच्चे के मामले से जुड़ा है। आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए पूर्व सीएम हुड्डा, विधायक शकुंतला खटक व विधायक कुलदीप वत्स को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों ना एक बच्चे को प्रताड़ित किए जाने पर आपके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। तीनों नेताओं को इस नोटिस पर पांच दिन में जवाब देना है। नेताओं के अलावा आयोग ने चंडीगढ़ के डीसी से भी इस बारे में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने 23 अगस्त को चंडीगढ़ डीसी को इस मामले में कार्रवाई करने के आदेश दिए थे लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए विधानसभा तक पैदल मार्च किया था। इस मार्च का नेतृत्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किया था। मार्च के दौरान कांग्रेस विधायक शकुंतला खटक और कुलदीप वत्स जिस रिक्शा को खींच रहे थे उस पर दस साल का एक बच्चा सवार था। बच्चों के हाथ में तख्ती थमाई हुई थी, जिस पर पेपर लीक, बेरोजगारी और नौकरियों में भ्रष्टाचार आदि के स्लोगन लगे थे।
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गुरुवार को हरियाणा राज्य बाल संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने नोटिस तीनों नेताओं को भेजे गए नोटिस के अलावा रोहतक डीसी को भी चिट्ठी लिखी है। प्रदर्शन में शामिल बच्चा रोहतक का था। इसलिए डीसी को उसकी काउंसलिंग करवाने को कहा था। डीसी से काउंसलिंग रिपोर्ट तलब की है। साथ ही, यह पूछा है कि यह पता किया जाएगा कि बच्चा रोहतक से चंडीगढ़ तक कैसे गया। नोटिस में लिखा है कि मासूम बच्चे को इस तरह के प्रदर्शन में शामिल करना पूरी तरह से गैर-कानूनी है। तीनों नेताओं को नोटिस जारी करने के अलावा चंडीगढ़ के डीसी से भी स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है। नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर आयोग द्वारा इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
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