सत्य खबर
कोरोना काल के चलते मरीजों को समय पर अस्पताल में दाखिल न करने, इलाज में लापरवाही और सरकार के आदेश की अनदेखी करने के आरोपों के चलते पंचकूला की मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने डॉ. जसजीत कौर को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिए और साथ ही नए सीएमओ की तैनाती की फाइल मुख्यमंत्री को भेज दी है।
बताया जा रहा है कि निलंबन आदेश को रुकवाने की भरपूर कोशिश हुई के बावजूद विज अडे़ रहे। और उन्हें निलंबित कर दिया। सूत्रों की माने तो डॉ. मुक्ति को पंचकूला का नया सीएमओ बनाने की तैयारी की जा रही है। पंचकूला की सीएमओ डॉ. जसजीत कौर पर मरीजों व उनके तीमारदारों से दुर्व्यवहार करने के भी आरोप लगे हैं।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री विज के पास जब शिकायतें पहुंची तो उन्होंने सीएमओ को अपना पक्ष रखने के लिए कहा। सीएमओ को जांच में आखिर तक बचाने की कोशिश भी की, लेकिन विज ने पाया कि सीएमओ ने वास्तव में अपनी जिम्मेदारी का सही ढंग से निर्वाह नहीं किया और कोरोना मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया। इस वजह से स्वास्थ्य मंत्री काफी नाराज थे।
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वहीं विज ने स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा को सीएमओ जसजीत कौर के निलंबन के आदेश जारी करने को कहा लेकिन पता चला है कि सीएमओ मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बड़े अधिकारी की रिश्तेदार हैं। इसलिए अभी तक सीएमओ के निलंबन करने के लिखित आदेश जारी नहीं हो पाए हैं।
इसके अलावा अधिकारियों ने सीएमओ की पैरवी के लिए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से संपर्क किया और निलंबन आदेश वापस लेकर उनका तबादला करने को कहा, लेकिन विज अपने आदेश का अनुपालन कराने के लिए अड़े हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को अभी भी उम्मीद है कि विज अपने निलंबन के आदेश वापस लेने को राजी हो जाएंगे लेकिन उनके कड़े रुख से नहीं लगता कि वह मरीजों के इलाज में लापरवाही, मंत्री के आदेश की अनदेखी और लोगों से दुर्व्यवहार की शिकायतों को अनदेखा करेंगे।
अनिल विज के पास पंचकूला के सिविल अस्पताल में सफाई नहीं होने, टायलेट खराब रहने, मरीजों के लिए खाने का उचित बंदोबस्त नहीं होने और कोरोना से बचाव के लिए मरीजों के समुचित उपचार में तमाम कमियां होने की कई शिकायतें पहुंची हैं। सीएमओ अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए हर बार बचती रहीं।
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर में ही सीएमओ पर कार्रवाई की तैयारी हो गई थी। तब यह कहते हुए जसजीत कौर को बचा लिया गया कि इससे विभिन्न जिलों में काम करने वाले सीएमओ में गलत संदेश जाएगा। इस बार भी निलंबन की खबर तीन दिन तक दबाए रखी गई। अफसर निलंबन रुकवाने में जुटे रहे लेकिन विज पर दबाव का असर नहीं हुआ। उन्होंने तीसरी लहर की तैयारियों में लापरवाही बरतने वाले अफसरों को साफ संकेत दे दिए हैं कि अगर लापरवाही बरती तो गाज गिरना तय है।
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