सफीदों, महाबीर मित्तल
भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का 65वां महापरिनिर्वाण दिवस उपमंडल के गांव छाप्पर के श्री गुरु रविदास आश्रम में मनाया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि विधायक सुभाष गांगुली ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता आश्रम के संचालक धनपत दास महाराज ने शिरकत की। वहीं विशिष्टातिथि के रूप में आप जिलाध्यक्ष लाभ सिंह सिधु, आरपीआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुनील गहलावत, समाजसेवी कृष्ण कुटेल, प्रशासनिक अधिकारी कर्मवीर बौद्ध, बसपा के जिला इंचार्ज डा. अनिल रंगा व पूर्व सरपंच शमशेर सिंह ने शिरकत की। कार्यक्रम में उपस्थित गण्यमान्य लोगों ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करके अपने-अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। अपने संबोधन में अतिथियों ने कहा कि डा. भीमराव अंबेडकर सर्वश्रेष्ठ चिंतक, ओजस्वी लेखक, यशस्वी वक्ता, स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री तथा भारतीय संविधान के निर्माणकर्ता थे। उन्होंने समाज में व्याप्त बुराइयों के लिए सबसे ज्यादा अशिक्षा को जिम्मेदार माना था। उनका मानना था कि शिक्षा के अभाव में इंसान कभी भी तरक्की नहीं कर सकता। उन्होंने सदैव महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया। बाबा साहब ने सिर्फ अछूतों के अधिकार के लिए ही नहीं बल्कि संपूर्ण समाज के पुनर्निर्माण के लिए प्रयास किए। बाबा साहेब आधुनिक भारत के शिल्पकार थे। हम सबको संविधान के मुताबिक देश की एकता व अखंडता को बरकरार रखते का संकल्प लेना चाहिए। इस मौके पर आयोजित विशाल भंडारे में श्रभ्द्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर भीमसेना अध्यक्ष राजेंद्र मान, सत्यप्रकाश मुवाना, सुखदेव मेहरा, डा. विनोद भानखुड, हीरालाल शर्मा व मोनू कश्यप मौजूद थे।
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