सफीदों, महाबीर मित्तल
उपमंडल के गांव सरनाखेड़ी स्थित भक्ति योग आश्रम के संचालक एवं आयुर्वेदाचार्य डा. शंकरानंद सरस्वती ने कहा के पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा के कारण ऋतुएं बदलती रहती हैं। भारत में शिशिर, बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद एवं हेमंत 6 प्रकार की ऋतुएं आती हैं। हमें स्वस्थ रहने के लिए इन सभी ऋतुओं के अनुसार अपना खानपान व आहार-विहार रखना चाहिए अन्यथा हम बीमार पड़ सकते हैं। हमें हर ऋतु में अपनी दिनचर्या उस ऋतु के अनुसार बदलते रहना चाहिए। अभी हेमंत ऋतु चल रहा है और इस ऋतु में जठराग्रि का बल बढ़ जाता है। इसलिए हमें इस ऋतु में स्निग्ध आहार, अम्ल, लवण रसों से युक्त पोष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। इस ऋतु में चिकनाई युक्त विविध प्रकार के पोष्टिक पाक, मोदक, मोगर के लड्डू, गोंद के लड्डू, अश्वगंधा पाक, कौंच पाक, मेथी के लड्डू, च्वयनप्राश व सूखे मेवे से बने लड्डू का सेवन करना हितकारी है। स्नान से पहले शरीर पर तेल की मालिश करें। सिर, कान, नाक व पैरों पर विशेष रूप से तेल मालिश करें। मोटा व ऊनी वस्त्र धारण करें। इस ऋतु में ठंडी तासीर वाले अर्थात वात बढ़ाने वाले पदार्थों का सेवन ना करें। इस ऋतु में दिन में नहीं सोना चाहिए। सुबह-सुबह हल्का व्यायाम अवश्य करना चाहिए।
Scrap aluminium shipping Aluminium scrap consultation services Metal waste logistics services