सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
एक साधारण किसान परिवार में पली-बढ़ी नरवाना के ऐतिहासिक गांव दनौदा की छोरी शिल्पा नैन ने ज्वैलिन थ्रो में राष्ट्रीय स्तर पर धूम मचाई। शिल्पा ने अभी हाल ही में उड़ीसा में आयोजित ज्वैलिन थ्रो खेलो इंडिया प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत कर प्रदेश व गांव का नाम रोशन किया है। शिल्पा अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी है, जिसे बचपन से ही खेलों में रुचि रही है। गांव के सरस्वती स्कूल में उसने हैंडबाल खेलते हुए अनेकों राष्ट्रीय-अंतरर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करके देश-प्रदेश का नाम चमकाया, तो सैफ गेमों में उसे बेस्ट गोल कीपर के अवार्ड से नवाजा जा चुका है। जिसका श्रेय वह हैंडबॉल प्रशिक्षक जुगमिंद्र श्योकंद और राजेंद्र नैन दनौदा को देती है।
2017 में बदला अपना खेल
हालांकि शिल्पा नैन ने हैंडबॉल में अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर बुलंदियों को छुआ है, लेकिन ज्वैलिन थ्रो में उसकी अच्छी खासी रुचि होने के कारण उसने 2017 में ज्वैलिन थ्रो को अपना लक्ष्य बनाया। तब लखनऊ में आयोजित नैशनल ज्वैलिन थ्रो प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल प्राप्त किया। फिर 2018 में आयोजित राष्ट्रीय ज्वैलिन थ्रो प्रतियोगिता में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। फिर भी इस प्रतिभावान खिलाड़ी ने अपना हौसला बरकरार रखा और अपने निरंतर अभ्यास से 2020 में ज्वैलिन थ्रो की खेलो इंडिया प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक पर कब्जा पाया। वर्तमान में शिल्पा नैन हिसार के गिरी सेंटर में कोच धर्मेंद्र तथा अरविंद के मार्गदर्शन में ज्वैलिन थ्रो को और अधिक चमकाने के लिए पूरी तरह से अभ्यासरत है। वह दिन दूर नहीं, जब यह ग्रामीण आंचल की बेटी ज्वैलिन थ्रो में भारत का नाम विश्व स्तर के पटल तक ले जाएगी। इस काम के लिए जहां शिल्पा नैन के कोच उसकी प्रतिभा को बारीकियों से तराश रहे हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूम मचाने वाले उसके गायक कलाकार बड़े भाई बिंद्र नैन अपनी छोटी बहन को आगे बढ़ाने में उसका भरपूर सहयोग कर रहे हैं।
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