सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
भारतीय संस्कृति में यूं तो प्रत्येक धर्म का अपना अलग महत्व है। सभी धर्मों में उस एक परमात्मा की स्तुति का ही वर्णन है, बेशक उसको अलग-अलग नाम दिए गए हों। लेकिन संविधान में ये भी प्रावधान किया गया है कि कोई भी नागरिक किसी भी धर्म को अपना सकता है और अपनी इच्छानुसार छोड़ भी सकता है। संविधान में मिली इसी सुविधा के चलते उपमंडल के गांव दनौदा कलां में 6 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म में वापसी की है। गांव के मनीर मिरासी की विरासत के सदस्य रमेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि मुस्लिम बादशाह औरंगजेब के समय में हमारे दादा-परदादा हिंदू थे। उनके अत्याचारों से तंग आकर उन्होंने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए मुस्लिम धर्म को धारण कर लिया था। लेकिन अब सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से हमारे परिवार के शिक्षित नौजवान बच्चों को जब असलियत का ज्ञान हुआ, तो पूरे परिवार ने बिना किसी दबाव के पूरी सहमति के साथ हिंदू धर्म में घर वापसी का विचार बनाया। इसे संयोग ही कहें, शनिवार को जब हमारे परिवार के एक बुजुर्ग नेकाराम का अचानक निधन हुआ, तो सभी ने अपनी मर्जी से उन्हें दफनाने की बजाए उनका अंतिम संस्कार किया। इतना ही नहीं उन्होंने हिन्दू धर्म की परंपरा अनुसार जनेऊ धारण भी कर लिया है। उन्होंने बताया कि हमारे परिवारों ने दोबारा अपने धर्म में घर वापसी की है। उनकी अपनी मान्यता के अनुसार हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म है, जिसमें जियो और जीने दो की धारणा पर विश्वास किया जाता है। ऐसा धर्म, जिसमें चीटियों को भी दाना डालने की परंपरा है।
मानव धर्म ही सर्वोपरि
रमेश ने बताया कि आज देश जब कोरोना वायरस से जूझ रहा है और लॉक डाउन लगा है, तो कुछ लोग अपनी धार्मिकता अपनाते हुए इकठ्ठे जमात में बैठने का प्रयास कर रहें हैं, जो मानव धर्म के खिलाफ है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि सब धर्मों से बढ़कर तो मानव धर्म है। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म अपनाकर अब वे अपने को एक किस्म से हल्का-सा महसूस कर रहें हैं, मानो उनके सिर से कोई बोझ उतर गया हो।
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जब इस सम्बंध में गांव के सरपंच पुरुषोत्तम शर्मा से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि मनीर मिरासी के परिवार ने बिना किसी दबाव और अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की है। हिंदू संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को धारण कर सकता है। इसमें किसी को कोई आपत्ति भी नहीं, बल्कि समस्त गांव इनके इस फैसले का सम्मान करता है।
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