हरियाणा

गुरुग्राम पुलिस ने व्हाट्सएप कंपनी से जांच के लिए मांगी गई जानकारी न देना पर निदेशक पर किया मामला दर्ज।

 

सत्य ख़बर, गुरुग्राम सतीश भारद्वाज :

17 जुलाई को इलेक्ट्रॉनिक मेल के लिए एक अधिसूचना जारी की गई थी। इस आदेश के बाद पूरी कार्रवाई करते हुए साइबर पुलिस पर मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस प्रवक्ता ने सूचना देते हुए बताया कि एक मामले की तकदीर के दौरान किग्राम पुलिस की साइबर टीम को कुछ मुक्त कराया गया था, जिसमें बताया गया था कि वह विफल हो रही है। इसके लिए प्रदेश के गृह विभाग से भी संपर्क किया गया लेकिन फिर भी जांच के लिए कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई। वहीं अलोकेट कंपनी ने कानूनी तरीके से अन्यथा वैस्ट एंट्री कराई। इसके बाद 25 जुलाई को आवश्यक मोबाइल नंबरों के लिए संपूर्ण विवरण से लेकर फाइल की जानकारी को मंजूरी दे दी गई, लेकिन पुलिस द्वारा उपलब्ध कराई गई कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। 23.08.2024 तक विभिन्न वैध पेंशनभोगियों की अंतिम तिथि पुलिस द्वारा उपलब्ध नहीं करायी गयी। ऐसी ऐप्लीकेशन कंपनी उकेरा द्वारा बनाई गई अभियोग के दोस्तों की मदद जा रही है, ऐसा लग रहा था।

वकील ने यह नहीं बताया कि वैधानिक रूप से अलग कंपनी प्रबंधन और कंपनी द्वारा वैधानिक रूप से बैंड होने की जानकारी उपलब्ध नहीं है।

सब्स्क्राइब पुलिस सैटरडे द्वारा साइबर क्राइम ईस्ट, टेक्सास में धारा 223 (ए), 241, 249 (सी) बी कॉन और सलाहकार सलाहकार अधिकारियों के खिलाफ कानूनी जानकारी नहीं दी गई है। मामले की जांच शुरू हो गई है।

पुलिस विभाग ने ज्यादातर मामलों को देखा है, जब भी कोई मुजरिम से साज बजाता है तो उसके कॉल डिटेल और फोन की जांच में किसी भी तरह की जांच में शामिल कर प्रोफाइल रिकॉर्ड नहीं किया जाता है। क्योंकि पुलिस के पास मुकदमा दर्ज करने की शक्ति है, इसलिए मृतक के मित्र उनके सहयोगी बहुत चल रहे हैं। जबकि कुछ मामलों में तो पुलिस स्वयं ही मर्चेंट और काल पैटर्न निकल जाती है। तथापि मामले को अंतिम रूप देने के लिए चार को राहत दी गई है।

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