सत्य खबर, पानीपत
टोक्यो गेम्स में शनिवार को जेवलिन थ्रो में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच देने वाले राजपूताना राइफल्स के सूबेदार नीरज चोपड़ा को सेना में प्रमोशन मिलना तय है । सूत्रों से मिली जानकारी में यह बात सामने आई है । एकदम शानदार ढंग से 87.58 मीटर दूरी तक भाला फेंकने के साथ चोपड़ा ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए । उन्होंने एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक के लिए देश के 121 साल के इंतजार को भी खत्म करा दिया ।
सेना के सूत्रों ने बताया कि नियम-कायदों के मुताबिक चोपड़ा की रैंक में पदोन्नति की जाएगी । एक सूत्र ने कहा, ‘खिलाड़ियों के संबंध में नियम-कानून थोड़े अलग हैं । उन्हें निश्चित तौर पर पदोन्नति मिलेगी. स्वाभाविक तौर पर उनकी रैंक एक पद ऊपर हो जाएगी लेकिन इस पर कोई अंतिम निर्णय आने वाले दिनों में लिया जाएगा । उन्होंने हमें एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण दिलाया है और इसलिए उन्हें सम्मानित करने के लिए हरसंभव कदम उठाया जाएगा । चोपड़ा 2016 में बतौर नायब सूबेदार सेना में शामिल हुए थे ।
उस वर्ष राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने के बाद नवंबर 2018 में उन्हें सूबेदार के तौर पर आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन दिया गया था । वैसे तो चोपड़ा ने भाला फेंकने के इस खेल को शुरू में किसी विशेष आत्मीयता की वजह से नहीं बल्कि वजन घटाने के लिए अपनाया था । पर बाद में उन्हें इस खेल से प्यार हो गया । सेना के एक अधिकारी ने कहा कि ओलंपिक में गोल्ड हासिल करने तक की उनकी यात्रा कड़े अभ्यास, मजबूत दृढ़ संकल्प और सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने का नतीजा है ।
सेना के रिकॉर्ड के मुताबिक किसान पिता सतीश कुमार और सामान्य गृहिणी मां सरोज देवी के घर जन्मे 23 वर्षीय नीरज चोपड़ा पानीपत स्थित एक छोटे से गांव खंडार के रहने वाले हैं । एक दूसरे सैन्य अधिकारी ने बताया कि वह दो बहनों के साथ पले-बढ़े हैं और शुरू में वजन घटाने के लिए भाला फेंकना अपनाने के बाद जल्दी ही यह उनकी पसंद बन गया ।
उसके आगे तो अब एक इतिहास बन चुका है । सूबेदार चोपड़ा को 15 मई 2016 को 4 राजपूताना राइफल्स में सीधे नायब सूबेदार के पद पर शामिल किया गया था । सीधे भर्ती की यह योजना उन खिलाड़ियों के लिए होती है जो अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं या ऐसा करने की क्षमता रखते हैं । उन्हें 2016 में पुणे में मिशन ओलंपिक विंग और आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण के लिए चुना गया था ।
वहीं नीरज चोपड़ा ने 2016 में पोलैंड में वर्ल्ड अंडर-20 चैम्पियनशिप में ही अपने प्रदर्शन का लोहा मनवा दिया था, जहां उन्होंने 86.48 मीटर के थ्रो के साथ एक नया जूनियर विश्व रिकॉर्ड बनाया था । 2017 में उन्होंने 85.23 मीटर के थ्रो के साथ भुवनेश्वर में एशियाई चैम्पियनशिप जीती जर्मनी के उवे हान के नेतृत्व में प्रशिक्षण शुरू करके वह लगातार अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहे, राष्ट्रमंडल खेल 2018 में 86.47 मीटर थ्रो के साथ स्वर्ण जीता । उसी वर्ष डायमंड लीग के दोहा लेग में उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 87.43 मीटर था । उन्होंने उसी साल 88.06 मीटर के थ्रो के साथ एशियाई खेल में भी जीत हासिल की ।
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