सत्य खबर, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में चंगाई सभा की आड़ में कथित रूप से धर्म परिवर्तन की कोशिश करने का मामला सामने आया है. मामले में पुलिस ने एक पादरी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि पादरी गांव के महिलाओं और बच्चों समेत करीब 50 लोग को इकठ्ठा कर हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए कह रहे थे.
जिले के पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि जिले के बगीचा थाना क्षेत्र के पसिया गांव में सोमवार को चंगाई सभा की आड़ में कथित रूप से धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश करने के आरोप में पुलिस ने पादरी अरुण कुजूर, पास्टर बसंत लकड़ा, पास्टर सलमोन तिग्गा और पास्टर दिनो कुजूर को गिरफ्तार किया है.
चंगाई सभा का आयोजन कर कर रहे थे ईसाई धर्म का प्रचार
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने यह कार्रवाई ग्रामीण हरिराम नागवंशी की शिकायत पर की है. उन्होंने बताया कि नागवंशी ने पुलिस में शिकायत की थी कि इस महीने की 20 तारीख को ईसाई समुदाय के पादरी और पास्टर गांव के दिलीप नागवंशी के घर चंगाई सभा का आयोजन कर ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे.
छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज
हरिराम के अनुसार, जब अन्य ग्रामीण दिलीप के घर पहुंचे तब वहां महिलाओं और बच्चों समेत लगभग 50 लोग इकठ्ठे थे. पादरी और पास्टर वहां मौजूद लोगों से हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए कह रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि हरिराम की शिकायत पर पुलिस ने पादरी और तीन पास्टर को गिरफ्तार किया है. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
अब से कुछ समय पहले छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ओटेबंद गांव में धर्मांतरण के लिए ईसाई मिशनरियों के पहुंचने के बाद तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी. गुस्साए ग्रामीणों ने धर्म बदलवाने पहुंचे 40 से ज्यादा ईसाई समुदाय के लोगों को बंधक बना लिया था. इसमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल थे.
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