चंडीगढ़ .सत्यखबर .अशोकछाबड़ा
डेढ़ साल से लगातार नोटिसों के बावजूद ज्वाइन नहीं कर रहे ग्रुप डी के कर्मचारियों को अब प्रदेश सरकार नौकरी पर नहीं रखेगी। आखिरी समय सीमा खत्म होने के बाद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ने अब वेटिंग लिस्ट में शामिल 4500 कर्मचारियों की नियुक्ति पर मंथन शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक करीब तीन हजार चयनित युवा परीक्षा पास करने के बावजूद नौकरी पर नहीं आए। इनमें से अधिकतर उच्च शिक्षित हैं जिन्हें बेलदार, माली, धोबी, नाई, कुक और चपरासी का काम पसंद नहीं आया, जबकि कई का चयन अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में हो चुका है।
ज्वाइनिंग की आखिरी समय सीमा हुई खत्म
एचएसएससी ने विगत 29 मई को मेरिट लिस्ट में शामिल युवाओं को ज्वाइनिंग के लिए अंतिम बार 15 दिन का समय दिया था। यह समय सीमा बृहस्पतिवार को खत्म हो गई। अब 74 सरकारी महकमों और बोर्ड-निगमों से पूछा गया है कि पिछले साल जनवरी में घोषित 18 हजार 218 पदों के लिए चयनित युवाओं में से कितनों ने ज्वाइन नहीं किया। फिलहाल हर कैटेगरी में कितने पद खाली हैं। रिक्त पदों को भरने के लिए शुक्रवार और शनिवार को पंचकूला स्थित एचएसएससी मुख्यालय में बैठकें होंगी। दोनों दिन 37-37 विभागों के नोडल अफसर स्टेटस रिपोर्ट देंगे जिसके बाद आयोग की ओर से प्रतीक्षा सूची में शामिल युवाओं को नियुक्तियां दी जाएंगी।
3412 ने बदलवाया पद और महकमा
प्रदेश की सबसे बड़ी भर्ती में उच्च शिक्षित युवाओं की नियुक्ति का मुद्दा विधानसभा में भी गर्माता रहा है। पीएचडी और एमफिल पास युवाओं से चपरासी, पानी पिलाने और बेलदार का काम लिए जाने की शिकायतों के बाद प्रदेश सरकार ने विभाग व पदनाम बदलने का मौका भी दिया। इसका फायदा उठाते हुए 29 विभागों के कुल चार हजार 968 कर्मचारियों ने पोर्टल पर पद या विभाग बदलने की दावेदारी कर दी। हालांकि इनमें से तीन हजार 412 कर्मचारियों के आग्रह को ही पोर्टल में स्वीकार किया गया। इनमें 500 से ज्यादा कर्मचारियों ने पुलिस महकमा छोड़ दिया जिनमें 229 कुक थे। इसी तरह 498 युवाओं ने सिंचाई विभाग की बेलदारी और हेल्पर पद से तौबा कर ली। विभिन्न महकमों में भर्ती हुए 336 कुकों में से 252 रसोइयों, 257 मालियों में से 166 माली और 58 नाई में से 43 ने पद बदलवा लिया था।
ग्रुप-डी में उच्च शिक्षित युवाओं की फौज
ग्रुप डी की परीक्षा में बड़ी संख्या में डॉक्टरेट, एमफिल, स्नातकोत्तर, एमटेक-बीटेक और स्नातक पास युवाओं का चयन हुआ। इनमें 1001 युवा स्नातकोत्तर हैं, जबकि पांच हजार 346 ग्रेजुएट। 276 युवाओं ने व्यावसायिक डिग्री, 397 ने ईएसएम ग्रेजुएशन, 569 डिप्लोमाधारक और 123 युवा सॢटफिकेट कोर्स पास हैं। हालांकि प्रदेश सरकार के साथ ही हाई कोर्ट भी स्पष्ट कर चुका कि किसी भी पद के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हो सकती है, लेकिन अधिकतम नहीं। ऐसे में किसी को भी नौकरी के लिए आवेदन करने से नहीं रोका जा सकता।
चपरासी बन स्कूलों में पढ़ा रहे गणित और विज्ञान
भले ही सैकड़ों उच्च शिक्षित युवाओं ने चतुर्थ श्रेणी की नौकरी ज्वाइन नहीं की, लेकिन कई उच्च शिक्षित युवा ऐसे भी हैं जो सरकारी स्कूलों में बच्चों को अध्यापकों की गैरमौजूदगी में विज्ञान और गणित जैसे विषय पढ़ा रहे। अंबाला के माजरी गांव व मर्दों साहिब गांव के स्कूलों में चपरासी के साथ-साथ बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे फिजिक्स में एमएससी कमल सिंह और बीटेक महेंद्रपाल ने पिछले दिनों खूब सुर्खियां बटोरी थी।
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