चंडीगढ़…….
16 मार्च, 2020 को संसद में श्री राहुल गांधी ने देश के सबसे बड़े 50 बैंक घोटालेबाजों के नाम मोदी सरकार से पूछे। वित्तमंत्री और सरकार ने षडयंत्रकारी चुप्पी साधकर ये नाम जगजाहिर करने से इंकार कर दिया।
24 अप्रैल, 2020 को RTI के जवाब में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रु. माफ करने की बात स्वीकार ली। RTI की कॉपी संलग्नक A1 है।
पूरा देश कोरोना की महामारी से लड़ रहा है। रोजी रोटी की मार के चलते देश के करोड़ों मजदूरों को शहर से गांव पलायन करना पड़ा है। CMIE के मुताबिक 14 करोड़ से अधिक लोग रोजगार से हाथ धो बैठे हैं। 113 लाख फौजी जवानों, मिलिटरी पेंशनरों व सरकारी कर्मचारियों का 37,530 करोड़ रु. महंगाई भत्ता मोदी सरकार ने काट लिया है। सभी सरकारी व प्राईवेट सेक्टर के कर्मचारियों से तथा कंपनियों से केंद्र व प्रांतों के कोरोना फंड में हजारों करोड़ रु. इकट्ठा किया जा रहा है। लघु उद्योग, दुकानदारी व व्यवसाय ठप्प हो गए हैं। पर शर्म की बात है कि इसके बावजूद मोदी सरकार द्वारा बैंक डिफॉल्टरों को 68,607 करोड़ रु. की माफी दी जा रही है।
मोदी सरकार की ‘जन–धन–गबन’ योजना का पर्दाफाश:-
- 24 अप्रैल, 2020 की RTI में 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों के 68,607 करोड़ रु. बैंक राईट-ऑफ की सूची में सबसे पहला नाम मेहुल चौकसी-नीरव मोदी की जोड़ी का है, जिनकी कंपनी गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया, नक्षत्रा ब्रांड्स का 8,048 करोड़ रु. राईट ऑफ कर दिया गया है। यही नहीं, मोदी (NiMo – नीमो) + मेहुल (‘हमारे मेहुल भाई’) (जो पालनपुर, गुजरात से हैं) के साथ साथ पालनपुर के एक और भगोड़े जौहरी, जतिन मेहता की कंपनियों, विनसम डायमंड्स व फॉरएवर प्रीशियस ज्वेलरी का 6,038 करोड़ रु. का बैंक लोन भी राईट ऑफ हो गया। साथ साथ एक और भगोड़े विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाईंस का 1,943 करोड़ रु. का कर्ज भी राईट ऑफ हो गया। क्या मोदी सरकार इन 50 बैंक घोटालेबाजों पर असीम कृपा का कारण बताएगी?
- मोदी सरकार ने 2014-15 से 2019-20 (2019) तक बैंक घोटालेबाजों का 6,66,000 करोड़ रु. छोड़ दिया। इसमें 2014-15 से सितंबर, 2019 तक 100 करोड़ से अधिक लोन लेने वाले बैंक घोटालेबाजों के बैंक लोन राईट ऑफ की राशि ही 5,10,014 करोड़ रु. है, जिसका विवरण निम्नलिखित है:-
Year | Amount Written-off (> 100Cr) |
2014-15 | ₹40,798 Cr |
2015-16 | ₹29,178 Cr |
2016-17 | ₹57,821 Cr |
2017-18 | ₹89,324 Cr |
2018-19 | ₹2,12,000 Cr |
2019-20 (Till 30 September, 2019) | ₹80,893 Cr |
Total | ₹5,10,014 Cr |
- यही नहीं मोदी सरकार के साढ़े पांच साल में यानि 2014-15 से 2019-20 (30 सितंबर, 2019) तक बैंक फ्रॉड के 32,868 केसेस में जनता को 2,70,513 करोड़ रु. का चूना लगा है, जिसका विवरण इस प्रकार है:-
Year | Cases of Bank Frauds | Amount |
2014-15 | 4,639 | ₹19,455 Cr |
2015-16 | 4,693 | ₹18,698 Cr |
2016-17 | 5,076 | ₹23,933 Cr |
2017-18 | 5,916 | ₹41,167 Cr |
2018-19 | 6,801 | ₹71,500 Cr |
2019-20 (1st April – 30th Sep) | 5,743 | ₹95,760.49Cr |
Total | 32,868 | ₹2,70,513.49 Cr |
देश प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगता है।
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