सत्यखबर जाखल (दीपक) – इसे तरीका बदलने की बात कहें या फिर सोच में बदलाव की। कल तक विद्यालयों की बजाए कोचिंग की ओर मुखातिब दिखने वाले बच्चे अब अपना समय अपने गांव के सरकारी स्कूल में देने लगे हैं। पहले की अपेक्षा उनकी उपस्थिति भी विद्यालयों में दिखने लगी है। छात्रों का मन भी पढ़ाई-लिखाई में लगने लगा है। बहरहाल बेपटरी हुई सरकारी विद्यालयों में शिक्षा को पटरी पर लाने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार एवं शिक्षा विभाग के प्रयासों का असर अब धीरे-धीरे दिखने लगा है। लेकिन जिला प्रशासन के आदेश को धत्ता बता जिले में संचालित हो रहे अनगिनत कोचिंग संस्थान अभी भी सरकारी शिक्षण संस्थानों के आड़े आ रहे हैं।
कारण ये है कि कई ऐसे सरकारी शिक्षक हैं, जो अपने विद्यालय में पढ़ाने की बजाए अपना समय कोचिंग संचालन में अधिक दे रहे हैं, जिनकी तलाश में विभागीय अधिकारी अभी भी आंखें मूंदे बैठे हैं जाखल क्षेत्र में भी अभी काफी ऐसे निजी शिक्षण संस्थान हैं जिनके संचालक या तो कोई सरकारी प्रोफेसर हैं या कोई सरकारी अध्यापक। ऐसे में राजकीय सरकारी स्कूलों का क्या हाल होगा।
लेकिन गांव चांदपुरा का सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल खंड जाखल का एकमात्र ऐसा स्कूल है जहां 2018 से श्री निर्मल सिंह जी व श्री मुनीश कुमार जी के प्रयासों से अंग्रेजी माध्यम के तहत छठी क्लास से पढ़ाई शुरू हो गई है। इसके अलावा यहां पर स्मार्ट क्लास का असर बच्चों के रहन-सहन पर ही नहीं बल्कि उनके शिक्षण कार्य पर भी दिख रहा है। कक्षाओं में प्रोजेक्टर के माध्यम से अब स्कूली विद्यार्थी विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, गणित व हिंदी की पढ़ाई कर रहे हैं।
गांव चांदपुरा के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल इंचार्ज श्री जगदेव सिंह जी का कहना है कि अगर इस तरह की पढ़ाई हो तो बच्चों को कोचिंग संस्थानों पर निर्भर रहना ही क्यों पड़ेगा। कारण कि ऑडियो-वीडियो के माध्यम से यहां पर ज्ञान हासिल कराया जा रहा है, उससे छात्र-छात्राओं को सीखने का बेहतर मौका मिलता है। स्कूल इंचार्ज जगदेव सिंह ने बताया की गांव चांदपुरा का राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने अपना नया मुकाम बनाया है। आलम यह है कि पब्लिक स्कूलों को छोड़कर बच्चे अब इस सरकारी स्कूल में आऩे लगे हैं।
इतना ही नहीं स्कूल में जिला स्तर पर भी कई मुकाम हासिल किए हैं।
वर्ष 2019 का 10वीं व 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम यहां पर सौ प्रतिशत रहा जिसके तहत यह स्कूल 20 लाख रुपए की इनाम राशि पाने का भी हकदार बना। आखिर इस स्कूल में ऐसा कौन सा करिश्मा हो गया कि अभिभावक अपने बच्चों को पब्लिक स्कूलों से निकालकर इस सरकारी स्कूल में दाखिला करा रहे हैं?
स्कूल इंचार्ज जगदेव सिंह ने बताया की खंड शिक्षा अधिकारी ही स्कूल के प्रिंसिपल भी हैं जिन्होंने समय-समय पर अध्यापकों का मार्गदर्शन करते हुए स्कूल की सूरत बदल दी है।
हरियाणा में सरकारी स्कूल की दशा क्या है, ये सब जानते हैं। कहीं सरकारी स्कूल भूत बंगला बना हुआ है तो कहीं टीचर्स को मोबाइल चैट से ही फुर्सत नहीं है। कई-कई सरकारी स्कूल तो ऐसे हैं जहां टीचर स्कूल टाइम को भी अपना व्यर्थ टाइम समझते हुए अपने निजी कार्य करते रहते हैं। लेकिन ऐसे माहौल में खंड जाखल के गांव चांदपुरा सरकारी स्कूल ने नया मुकाम हासिल किया है।
क्या-क्या स्कूल की उपलब्धियां
पंजाबी अध्यापक बलविंदर सिंह ने बताया कि वर्ष 2019 के दौरान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ने जिले में हर क्षेत्र में प्रगति की है।
मार्च 2019 में दसवीं और बारहवीं का रिजल्ट फतेहाबाद जिले में प्रथम स्थान पर रहा जिसके तहत जिला उपायुक्त की घोषणा के तहत 20 लाख रुपए का इनाम जीतने के हकदार बना।
खेलों के क्षेत्र में भी चांदपुरा सरकारी स्कूल की छात्रा जसप्रीत ने 36 किलो भार वर्ग में राज्य प्रतियोगिता में दूसरा व जिला में पहला स्थान प्राप्त किया
इस स्कूल के छात्र सेंटी पुत्र बीकर सिंह का पूरे हरियाणा के सुपर 100 में नाम शामिल हुआ जिसके तहत आईआईटी के लिए चंडीगढ़ में फ्री कोचिंग के लिए चयन हुआ।
एनएमएमएस की परीक्षा में चांदपुरा विद्यालय के 4 छात्र राजविंदर सिंह, हर्षदीप सिंह, सोमवीर व गुरप्रीत कौर का चयन हुआ। जिसके तहत उनको 12वीं कक्षा तक एक हजार रुपए की हर महीने स्कॉलरशिप मिलेगी।
युवा संसद में भी चांदपुरा के राजकीय सरकारी स्कूल की नौवीं कक्षा की छात्रा काजल व संदीप का राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ।
जिला स्तर पर 14 नवंबर 2019 को होने वाली प्रतियोगिता सस्टेनेबल एग्रीकल्चर प्रेक्टिस श्रेणी में राजकीय विद्यालय चांदपुरा के दसवीं के छात्र राजकुमार ने पहला स्थान प्राप्त किया।
स्कूल अध्यापक जसवीर सिंह और निर्मल सिंह, प्रितपाल सहित अमरीक सिंह वाटर कैरियर के प्रयासों से स्कूल में सुंदर ग्रीनरी दिखाई देती है। जिसमें छायादार पौधों के अलावा फूलों के पौधे भी लगे हुए हैं।
भिवानी बोर्ड की परीक्षाओं के लिए भी यहां परीक्षा केंद्र 2008 से स्थापित है।
स्कूल में क्या है प्रबंध क्या है कमियां
गांव चांदपुरा के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में छठी क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक 469 बच्चें हैं जिनमें से 226 लड़के और 243 लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही है। बच्चों के बैठने के लिए सिर्फ 16 हवादार खुले कमरे ही स्थापित हैं जबकि बच्चों की गिनती के हिसाब से अभी 10 कमरों की कमी है। बच्चों की गिनती के हिसाब से कंप्यूटर लैब में बच्चों की गिनती के हिसाब से बहुत कम कंप्यूटर हैं जबकि इस लैब में कम से कम 50 कंप्यूटर होने चाहिए। 1 एकड़ का खेल का मैदान तो है परंतु यहां पर प्रशिक्षण देने के लिए डीपीई पोस्ट खाली पड़ी है। स्कूल में जहां बच्चों के लिए सामान्य ज्ञान हेतु लाइब्रेरी, साइंस लैब, इंग्लिश लैब स्थापित। वही स्कूल में म्यूजिक टीचर, एक हिस्ट्री पीजीटी, एक अध्यापक साइंस टीजीटी, एक इंग्लिश पीजीटी, एक हिंदी पीजीटीई की कमी है। बच्चों को स्वच्छ पेयजल हेतु समर्सिबल व वाटर कूलर सहित स्वच्छ शौचालयों की व्यवस्था स्थापित है।
क्या कहते हैं गांव सरपंच
इस बारे में गांव चांदपुरा के सरपंच बलदेव सिंह ने कहा कि गांव में शिक्षा स्तर में सुधार लाने हेतु पंचायत की तरफ से 3 अध्यापक सतीश कुमार, राजेंद्र सिंह ग्रेवाल, व हरविंदर शर्मा स्कूल में कार्यरत हैं वही एसएमसी कमेटी के प्रधान सतवीर ग्रेवाल की तरफ से भी समय-समय पर मिड डे मील पानी व्यवस्था सफाई व्यवस्था सहित अन्य गतिविधियों का ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने यह सरकार और जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि उनके गांव के स्कूल में अध्यापकों की कमी को पूरा किया जाना चाहिए वही कमरों की भी उचित व्यवस्था करवाई जानी चाहिए। इसके अलावा चांदपुरा स्कूल को राज्य स्तर पर विशेष रूप से पुरस्कृत किया जाना चाहिए।
कहते हैं अधिकारी
इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी हुकम चंद शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह खुद स्कूल के प्रिंसिपल हैं तथा उनके पास बीईओ का अतिरिक्त कार्यभार हैं। और उनकी अनुपस्थिति में जगदेव सिंह अंग्रेजी प्रवक्ता स्कूल के इंचार्ज के नेतृत्व में स्कूल अध्यापक विजय बंसल, मनीष कुमार, विकास कुमार, मैडम शमी गुप्ता, हरदीप, सतीश कुमार सहित अन्य टीचर स्कूल टाइम से भी एक्स्ट्रा क्लासेस लगाकर बच्चों को पढ़ाई करवा रहे हैं जो काबिले तारीफ है। मैडम रेनू गुप्ता, उषा रानी, निशा मैडम, गगनप्रीत कौर, रवि लोट, राजेंद्र अग्रवाल, प्रमोद कुमार, राम सिंह, जयपाल इत्यादि ने वर्ष 2019 में अपने अपने विषय का परिणाम शत प्रतिशत लाने में अथक मेहनत की वही अजय कुमार, व बलविंदर सिंह की स्कूल के प्रत्येक विकास कार्य में अहम भूमिका रही है जिसका परिणाम यह है कि आज गांव चांदपुरा के स्कूल का नाम ब्लाक स्तर पर ही नहीं बल्कि जिला स्तर पर भी चमक रहा है।
उन्होंने 2020 के वार्षिक रिजल्ट को लेकर भी स्कूल में आए नए अध्यापक जगतार सिंह, अनिल कुमार, अनूप कुमार, राजेश कुमार, जसवंत सिंह को आव्हान करते हुए कहा कि आपको जिले का एक ऐसा स्कूल मिला है जिसका परिणाम हमेशा काबिले तारीफ रहा है। उन्होंने आशा प्रकट करते हुए कहा कि भविष्य में भी स्कूल का रिजल्ट शत प्रतिशत लाने में सभी अध्यापक कड़ी मेहनत करेंगे।
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