सत्य खबर, नई दिल्ली
राजनाथ सिंह ने पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार और एके एंटनी से की मुलाकात, चीन के साथ एलएसी की स्थिति पर जानकारी दी। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को पूर्व रक्षा मंत्रियों और वरिष्ठ विपक्षी नेता शरद पवार और एके एंटनी से मुलाकात की। समझा जा रहा है कि राजनाथ सिंह ने सीमा विवाद से जुड़ी ताजा जानकारियों से दोनों वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराया है। बता दें कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले दिनों इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथ लिया था।
संसद के मानसून सत्र से पहले दोनों पूर्व रक्षा मंत्रियों के साथ राजनाथ सिंह की हुई इस मुलाकात से अवगत जानकारों के मुताबिक रक्षा मंत्री ने विपक्षी नेताओं को लद्दाख क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों के बारे में भी बताया गया। बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी मौजूद थे।
सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख पवार और वरिष्ठ कांग्रेस नेता एंटनी को अपने आवास पर बैठक के लिए बुलाया था। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। राजनाथ सिंह लोकसभा में सदन के उपनेता भी हैं। इस मुलाकात को संसद सत्र से पहले विपक्षी नेताओं को साधने के सरकार के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है। कांग्रेस ने पहले ही संकेत दिया है कि वह इस मुद्दे को संसद सत्र में उठाएगी।
देश को कमजोर करने का राहुल गांधी ने लगाया था आरोप
इससे पहलेए राज्यसभा में सदन के नवनियुक्त नेता पीयूष गोयल ने शरद पवार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी। राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया था कि सरकार ने देश को कमजोर कर दिया है। उन्होंने उस खबर का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर वास्तवित नियंत्रण रेखा को फिर से पार कर लिया है और दोनों पक्षों के बीच झड़प की कम से कम एक घटना हो चुकी है। हालांकि सेना ने इस खबर को खारिज किया है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने विदेश व रक्षा नीति को राजनीतिक हथकंडा बनाकर हमारे देश को कमजोर कर दिया है। भारत इतना असुरक्षित कभी नहीं रहा।
कब्जा करने के दावे को सेना ने किया खारिज
हालांकि थलसेना ने स्पष्ट किया कि भारतीय या चीनी पक्ष ने पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों पर कब्जा करने की कोई कोशिश नहीं की है। जहां से वे फरवरी में पीछे हटे थे और क्षेत्र में टकराव के शेष मामलों को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष वार्ता कर रहे हैं। चीन ने गलवान घाटी और पैंगोंग त्सो से अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है, लेकिन पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग जैसे टकराव के अन्य क्षेत्रों से बलों को हटाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।
पिछले साल मई के बाद से जारी गतिरोध को सुलझाने के लिए की गई सैन्य और राजनीतिक स्तर पर कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है। हालांकि इसके बावजूद चीन ने अपने दृष्टिकोण में कोई लचीलापन नहीं दिखाया है और टकराव के शेष क्षेत्रों से बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया आगे बढ़ती नहीं दिख रही है।
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