जाखल, सत्य खबर, दीपक कुमार
भाखड़ा मेन ब्रांच के चांदपुरा हेड पर भाखड़ा नहर आरडी 67500 के ऊपर बने पुल एवं बादलगढ़, रतनगढ़ डिस्ट्रीब्यूटरी पर पुराने संकरे पुलों की जगह नए पुलों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। सिंचाई विभाग द्वारा बनवाए जाने वाले इन पुलों पर करीब 4 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके लिए विभाग ने टेंडर जारी कर पुल निर्माण का कार्य शुरू करवा दिया है। यहां से आवागमन करने वाले वाहन चालकों के लिए जब तक नए पुल बनकर तैयार नहीं होते इन पुरानों पुलों का ही इस्तेमाल किया जाएगा।
चांदपुरा विश्राम गृह के पास भाखड़ा मेन ब्रांच के बुर्जी नंबर आरडी 67500 पर बना पुल काफी जर्जर हालत में था। जो भाखड़ा नहर निर्माण के समय का बना हुआ था। जिसे कभी भी कोई हादसा हो सकता था। वहीं यहां से निकलने वाले माइनर के ऊपर पुल बनने के कारण सड़क में काफी मोड आते थे। जिससे भारी वाहनों का आवागमन करना मुश्किल भरा काम था। इन पुलों से एक बार में एक ही ट्रैक्टर ट्राली गुजर सकती थी और कई बार तो हादसे हो चुके हैं। भाखड़ा नहर के निर्माण के समय का यह 10 फुट चौड़ा पुल आज के आधुनिकीकरण के आगे बोना पड़ गया था। लेकिन अब इसकी जगह पर सब मोड खत्म कर 4 करोड रुपए की लागत से 25 फुट चौड़े पुल का निर्माण करवाया जाना प्रस्तावित है।
आधा दर्जन गांवों को टोहाना से जुड़ने के लिए यह पुल ग्रामीणों द्वारा इस्तेमाल में लिया जाता है। गांव चांदपुरा के सरपंच बलदेव सिंह, समाजसेवी रामचंद्र, गांव सिधाणी के सरपंच बिक्कर सिंह, गांव मुंदलिया के पूर्व सरपंच मक्खन सिंह, प्रेमी बुधराम, कर्मजीत ग्रेवाल, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अधिकार मंच के प्रधान बिक्कर सिंह इत्यादि ग्रामीणों ने कहां की सिंचाई विभाग के आला अधिकारियों के प्रयासों से दर्जनभर गांवों के लिए पुल का नव निर्माण करवाकर एक सौगात दी जा रही है जिससे लोगों की परेशानी दूर होगी वही हादसे भी कम होंगे। इससे पहले भी हर खेत को पानी मुहैया हो उसके लिए विभाग ने रतनगढ़ माइनर एवं बादलगढ़ डिस्ट्रीब्यूटर का नव निर्माण करवाया हैं।
सिंचाई विभाग ने भाखड़ा नहर व बादलगढ़ डिस्ट्रीब्यूटरी पर भारी मोटे मोटे सरियों से युक्त स्टील ब्रिज का निर्माण करवाया जा रहा है ताकि वह एक साथ अनेक वाहनों व राहगीरों का वजन सहन कर सकें। अभी वाहनों के लिए वही पुराना पुल काम में लिया जाएगा।
कब तक बनेगा पुल
सिंचाई विभाग के एक्सईएन धूप सिंह, जैई पवन कुमार नैन ने बताया कि विभाग द्वारा इन पुलों के निर्माण के लिए बड़ी तेजी से काम किया जा रहा है। संभावना है कि इसका निर्माण दिसंबर 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा।
Aluminum recycling best practices Scrap aluminium packaging and shipping Metal reclamation and reprocessing solutions
Metal waste utilization and trading Ferrous material baling services Iron scrap logistics services
Ferrous metal recycling industry insights, Iron scrap reprocessing strategies, Scrap metal reclamation and recovery yard
Metal recycling supply Ferrous material employee retention Iron scrap exports
Ferrous material market dynamics, Scrap iron reclaiming solutions, Metal buyback program