सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
नरवाना के विशेष रक्तदाता व समाजसेवी प्रवीण गोयल अपनी 46 साल की उम्र में अब तक 113 बार रक्तदान कर चुके हैं। इसीलिए तो विश्व रक्तदान दिवस पर वे देश के समस्त रक्तदाताओं का आभार प्रकट करते हुए कहते हैं कि हमें साल में कम से कम दो बार रक्तदान करके किसी के जीवन बचाने में योगदान करना चाहिए। प्रवीण गोयल ने अपना पहला रक्तदान 1991 में 18 वर्ष की आयु में कालेज में पढ़ते हुए दूसरे साथियों की देखा-देखी किया। उस रक्तदान के बाद उन्हें ऐसी खुशी महसूस हुई और तब के बाद उनका रक्तदान का सिलसिला अबाध गति से चल पड़ा। फिर जब कभी किसी जरूरतमंद को भी रक्त दिया, जिससे उनके मन में यह इच्छा बलवती हुई कि रक्तदान तो करते ही रहना चाहिए। आसपास कहीं रक्तदान शिविर लगा तो ठीक, नहीं तो हर तीन महीने के बाद वे अपने खर्च पर पीजीआई चंडीगढ़ जाकर रक्तदान करने लगे, जिससे अब तक वे 113 बार रक्तदान करके इस आंकड़े पर पहुंचे हैं। उनसे प्रेरणा लेकर उनकी पत्नी सविता गोयल भी 14 बार रक्तदान कर चुकी है।
अनेकों बार हो चुके हैं सम्मानित
अपने लगातार रक्तदान के फलस्वरूप वे कई बार स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन, तत्कालीन राज्यपाल बाबू परमानंद, आशा हुड्डा, पूर्व मंत्री गोपीचंद गहलोत सहित उच्च अधिकारी पीके दास, विनय सिंह यादव और सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं। उनका कहना है कि रक्त देने से शरीर में कोई कमजोरी नहीं आती, बल्कि इससे बहुत-सी बीमारियां हार्ट अटैक, बीपी आदि दूर होती हैं।
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