जानिए कब है भाद्रपद पूर्णिमा और क्या है इसका महत्व
सत्य खबर, सिरसा ।
सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. इस विशेष दिन पर व्रत का पालन किया जाता है और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की विशेष आराधना की जाती है. बता दें कि भाद्रपद मास का समापन भाद्रपद पूर्णिमा व्रत के साथ होगा. आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा भाद्रपद पूर्णिमा व्रत, शुभ मुहूर्त और महत्व.
भाद्रपद पूर्णिमा व्रत तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 17 सितंबर सुबह 11 :50 पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 18 सितंबर सुबह 08:10 पर होगा. ऐसे में भाद्रपद पूर्णिमा व्रत का पालन 17 सितंबर 2024, मंगलवार के दिन किया जाएगा और इस दिन चंद्र पूजा के लिए चंद्रोदय का समय शाम 06:06 से होगा.
भाद्रपद पूर्णिमा व्रत स्नान दान समय
पूर्णिमा व्रत के दिन सूर्योदय के समय स्नान-ध्यान करने से विशेष लाभ मिलता है और सूर्य देव को जल प्रदान करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन सूर्योदय सुबह 06:08 पर होगा. वहीं ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 04:35 से सुबह 05:20 के बीच रहेगा. बता दें कि दान-पुण्य के लिए अभिजीत मुहूर्त को बहुत ही उत्तम माना जाता है. अभिजीत मुहूर्त का समय सुबह 11:50 से दोपहर 12:40 के बीच रहेगा.
क्या है भाद्रपद पूर्णिमा व्रत का महत्व?
शास्त्रों में पूर्णिमा व्रत के महत्व को विस्तार से बताया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि, आरोग्यता और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. साथ ही कई प्रकार के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं. पूर्णिमा तिथि के दिन उपवास का पालन करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और पारिवारिक व दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इसके साथ आर्थिक, कार्यक्षेत्र और व्यापार से जुड़ी समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाता है. पूर्णिमा तिथि के दिन दान-पुण्य करने से देवी-देवताओं के साथ-साथ पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं.