सत्य खबर, पानीपत
शराब का अधिक सेवन करने के कारण
जब व्यक्ति शराब का सेवन अधिक मात्रा में करता है तब भी उसके अंदर अधिक उत्तेजना आ जाती है, जिसके कारण व्यक्ति के मस्तिष्क में डोपामाइन बढ़ने लगता है और वो बेवजह पैर हिलाना शुरू कर देता हैं.
एंग्जायटी के कारण
जब व्यक्ति एंग्जायटी की समस्या का शिकार हो जाता है तब भी उसका मन बेवजह पैर हिलाने का करता है. हालांकि जब एंग्जायटी खत्म हो जाती है तो पैर हिलाने की समस्या भी खुदबखुद खत्म हो जाती है.
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रेस्टलेस लेग सिड्रोम
अपने पैरों को हिलाना रेस्टलेस लेग सिड्रोम का लक्षण हो सकता है. इस समस्या के चलते व्यक्ति को अपने पैर सुन्न महसूस होते हैं. गंभीर स्थिति के कारण व्यक्ति को चलने में भी दिक्कत महसूस होती है.
जब बोरियत हो जाती है
जब व्यक्ति किसी माहौल या आसपास चीजों से बोरियत महसूस करता है तो परेशान होने की वजह से अपने पैरों को हिलाना शुरू कर देता है. पैरों को हिलाने से उसका दिमाग थोड़ा शांत महसूस करता है.
आनुवंशिक कारण हैं जिम्मेदार
बेवजह पैरों को हिलाने की समस्या आनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है. इस आदत को एसेंशियल कंपकंपी भी कहा जाता है. जब ये समस्या होती है तब प्रभावित अंगों को हिलाने पर हल्की राहत महसूस हो सकती है.
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