सत्यखबर रतिया (अशोक ग्रोवर) – जिला फतेहाबाद में धान की पराली जलाने के मामले में पुलिस द्वारा जहां सैंकड़ों किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया है उनके शास्त्र लाइसेंस भी रद्द करने की बात कही। वहीं इस मामले को लेकर रतिया में आज सैकड़ों किसान लामबंद हुए। वे मुख्यमंत्री के पुतले की शवयात्रा निकालकर बस अड्डे के पास मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। इस दौरान किसानों ने जहां सरकार पर अनदेखी के आरोप लगाए हैं। वहीं 25 नवंबर को रतिया में जिले के किसानों की बैठक बुलाकर बड़ा निर्णय लेने का भी ऐलान किया है।
प्रदेश में धान की पराली सरकार के लिए मुसीबत बनती जा रही है। एक तरफ जहां किसान पराली को आग लगाने से बाज नहीं आ रहे वहीं प्रशासन ने भी इनके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सैकड़ों किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं और उनके शास्त्र लाइसेंस रद्द करने की भी बात कही है। वहीं आज रतिया में सैकड़ों किसान लामबंद हुए और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। इस दौरान किसानों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पुतले की शव यात्रा निकाली और बस अड्डे के पास मुख्यमंत्री के पुतले को आग के हवाले किया।
किसानों का आरोप है कि पिछले 3 सालों से वह धान की पराली के समाधान करने को लेकर धरने प्रदर्शन कर रहे हैं मगर सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं। जिसको लेकर किसान पराली जलाने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि जिले में प्रशासन द्वारा सैकड़ों किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं जिसको लेकर वह चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को जिले के किसानों की बैठक बुलाई गई है जिसमें सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे और किसान किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं उन्हें तुरंत वापस ने किया गया तो जिला उपायुक्त कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन भी देंगे।
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