सत्य खबर, नई दिल्ली
मौजूदा समय के साथ-साथ दुनिया में अलग-अलग तरह की परियोजनाएं भी चल रही हैं। खासकर परिवहन मार्ग को सुगम बनाने के प्रयास हर देश में जारी है। एक जगह से दूसरी जगह जाने के मार्ग को अधिक सुगम बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
अब हाल ही में एक ऐसी ही परियोजना का काम पूरा हुआ है। जिससे यूरोप और एशिया के बीच का सफर और भी आसान होने वाला है। हाल ही में दुनिया का सबसे लंबा हैंगिंग ब्रिज बनकर तैयार हो चुका है और इसे अब आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया है। बताया जा रहा है कि ये हैंगिंग ब्रिज यूरोप और एशिया को जोडऩे का काम करता है। करोड़ों रूपये की लागत से बने इस हैंगिंग ब्रिज के सहारे अब यूरोप और एशिया मात्र 6 मिनट के सफर से ही जुड़ गए हैं। करीब पांच साल में इस काम को पूरा किया गया है। अब आम लोग भी इस पर सफर कर सकते हैं।
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इन देशों को जोड़ता है ये ब्रिज
एकत्रित जानकारी के अनुसार दुनिया का सबसे लंबा हैंगिंग ब्रिज अब बनकर तैयार हो चुका है। बताया जा रहा है कि इस पुल को दक्षिण कोरिया और तुर्की की कंपनी ने मिलकर ही तैयार किया है। इस ब्रिज की खास बात ये है कि इस ब्रिज से यूरोप और एशिया जुड़ गया है और इसकी दूरी मात्र 6 मिनट की है। इस ब्रिज को 20.503 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। तुर्की की राजधानी इस्तांबुल के बाहर यूरोप और एशिया के बीच का सफर अब सिर्फ 6 मिनट का है।
इस ब्रिज को 1915 कैनेकेल ब्रिज का नाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि ये ब्रिज अब इस्तांबुल के बाहर यूरोप के जेलीबोलू को एशियाई इलाके लैपसेकी से जोड़ रहा है। वहीं इसके नामा में 1915 का भी विशेष महत्व है। बताया जा रहा है कि 1915 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना ने डर्डानेलेस खड़ी पर कब्जा करने का प्रयास किया था लेकिन ओटोमन साम्राज्यने ब्रिटीशों को हरा दिया था। उस जीत की याद में ही इस ब्रिज के नाम में 1915 को जोड़ा गया है।
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6 लेन की सडक़ है इस ब्रिज पर
बता दें कि इस ब्रिज को 6 लेन की सडक़ के साथ बनाया गया है। ब्रिज के दोनों तरफ तीन-तीन लेन हैं। वहीं इस ब्रिज की कुल लंबाई मात्र 4.60 किमी बताई जा रही है। जबकि ब्रिज की चौड़ाई 45.06 बताई गई है। ये ब्रिज खड़ी से करीब 239 फीट ऊंचा भी है। वहीं 26 फरवरी 2017 को इस ब्रिज को बनाना शुरू किया गया था और 26 फरवरी 2022 में इस काम को पूरा कर लिया गया। वहीं अब इस ब्रिज को आम लोगों के सफर के लिए भी खोल दिया गया है। ब्रिज के आम लोगों के लिए खोल देने के बाद अब दोनों देशों के बीच व्यापारिक व व्यवहारिक समन्वय स्थापित होंगे।
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