सत्य खबर, नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ उप राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार होंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई भारतीय जनता पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने धनखड़ को उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा की।विपक्ष भी उपराष्ट्रपति पद पर अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान अब तक नहीं किया है।धनखड़ का उप राष्ट्रपति चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है।देश के उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए निर्वाचक मंडल में संसद दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं।संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 780 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं।जीत के लिए 390 से अधिक मतों की जरूरत होती है। कैसे होता है उप राष्ट्रपति पद का चुनाव उप राष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ राज्यसभा और लोकसभा के सांसद ही वोट डाल सकते हैं।दोनों सदनों के मनोनीत सांसद भी उप राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग कर सकते हैं।हालांकि मनोनीत सांसदों को राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग का अधिकार नहीं होता।इस तरह से उप राष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 सदस्य हिस्सा लेते हैं।राज्यसभा में कुल सांसदों की संख्या 245 है जिनमें चुने हुए सदस्य 233 और मनोनीत सदस्यों की संख्या 12 है । उसी तरह निचले सदन यानी लोकसभा में कुल 545 सदस्य हैं।इनमें चुने हुए सदस्य 543 और मनोनीत सदस्यों की संख्या 2 है।उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव इलेक्शन अनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति के आधार पर किया जाता है।इसमें खास तरह से वोटिंग होती है जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं।चुनाव में मतदाता को वोट तो एक ही देना होता है मगर उसे अपनी प्राथमिकता तय करनी होती है।जैसे पहली पसंद को 1, दूसरी पसंद को 2 और तीसरी पसंद को प्राथमिकता देना होता है।
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कैसे होती है वोटों की काउंटिंग?
काउंटिंग में सबसे पहले यह देखा जाता है कि उम्मीदवारों को पहली प्राथमिकता वाले कितने वोट मिले हैं।फिर सभी को मिले पहली प्राथमिकता वाले वोटों को जोड़ा जाता है।इसके बाद कुल संख्या को 2 से भाग दिया जाता है और भागफल में 1 जोड़ दिया जाता है।अब जो संख्या मिलती है उसे वह कोटा कहा जाता है। जीतने वाले प्रत्याशी को कम-से-कम कोटा जितने वोट हासिल करना जरूरी होता है।अगर पहली गिनती में ही कोई कैंडिडेट के लिए जरूरी कोटे के बराबर या इससे ज्यादा वोट हासिल कर लेता है तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है । अगर पहली प्राथमिकता में जीत के लिए जरूरी वोट नहीं मिलते तो उस स्थिति में पहली प्राथमिकता में सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को दौड़ से बाहर मान लिया जाता है। तब उसे दूसरी प्राथमिकता में मिले वोटों को दूसरे उम्मीदवार के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसके बाद देखा जाता है कि दूसरा उम्मीदवार उन ट्रांसफर हुए वोटों के आधार पर कोटे की संख्या तक पहुंचा या नहीं? अगर वह कोटा तक पहुंचने में सफल रहता है तो उसे विजेता मान लिया जाता है, वरना यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है, जब तक कोई एक उम्मीदवार निर्धारित कोटे को हासिल नहीं कर लेता।
चुनाव लड़ने के लिए क्या जरूरी?
उप राष्ट्रपति चुनाव में खड़े होने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 20 संसद सदस्यों को प्रस्तावक और कम से कम 20 संसद सदस्यों को समर्थक के रूप में नामित कराना होता है। चुनाव लड़ने वाले सदस्य को संसद के किसी सदन का सदस्य नहीं होना चाहिए। अगर कोई संसद सदस्य उप राष्ट्रपति चुनाव लड़ना चाहता है तो उसे सदन की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा। उपराष्ट्रपति प्रत्याशी बनने वाले
को 15,000 रुपये की जमानत राशि भी जमा करनी होती है । उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा होने के 60 दिनों के भीतर चुनाव होना जरूरी है।
उपराष्ट्रपति की शक्तियां
राष्ट्रपति के बाद उप राष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वोच्च पद होता है। देश का संविधान उपराष्ट्रपति को दोहरी भूमिका सौंपता है। पहली भूमिका कार्यपालिका के दूसरे मुखिया और दूसरी भूमिका है राज्यसभा के सभापति की होती है। उप राष्ट्रपति की जिम्मेदारी तब अहम हो जाती है, जब राष्ट्रपति का पद किसी वजह से खाली हो जाए। तब इस जिम्मेदारी को उप राष्ट्रपति को ही निभानी पड़ती है।
कब होना है उपराष्ट्रपति पद का चुनाव
चुनाव आयोग ने 5 जुलाई को भारत के उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की थी। चुनाव 6 अगस्त को होगा और 19 जुलाई नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है। मौजूदा उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है।
उपराष्ट्रपति को कितना मिलता वेतन?
देश के उप राष्ट्रपति की सैलरी ‘संसद अधिकारी के सैलरी और भत्ते अधिनियम, 1953’ के तहत निर्धारित होता है। उप राष्ट्रपति को कोई सैलरी नहीं होती है। उप राष्ट्रपति ही राज्यसभा का सभापति भी होता है इसलिए सभापति के तौर पर उन्हें सैलरी और सुविधाएं दी जाती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उप राष्ट्रपति को प्रतिमाह 4 लाख रुपये सैलरी मिलती है। इसके अलावा उन्हें कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं।
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