World Championship
सत्य खबर,दिल्ली
रोम में खेली गई अंडर-17 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भारत के सूरज वशिष्ठ ने गोल्ड मेडल जीतकर नया इतिहास रच दिया है. 16 वर्षीय सूरज ग्रीको रोमन प्रतियोगिता में भाग ले रहे थे और इस प्रतियोगिता में भारत को 32 साल बाद बाद गोल्ड मेडल मिला है. 16 वर्षीय सूरज हरियाणा के रोहतक से आते हैं. उनकी इस जीत पर देश के नामी पहलवान बजरंग पूनिया ने भी बधाई दी है.
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सूरज ने यह पदक 55 किलो भार वर्ग में जीता है. फाइनल में उन्होंने यूरोपियन चैंपियन अजरबेजान के फरएम मुस्तफायेव को 11-0 से शिकस्त देकर यह मेडल अपने नाम किया. सूरज के अलावा इस प्रतियोगिता के अलग-अलग वर्गों में भारत के 5 और रेस्लर फाइनल में पहुंचे थे लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए.
उनकी इस उपलब्धि पर देश के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने भी खुशी जताई है. बजरंग ने अपने टि्वटर पर लिखा, ‘सूरज ने रचा इतिहास. 32 साल बाद देश को दिलाया U17 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक. बहुत-बहुत बधाई छोटे भाई आपको और ऐसे ही आगे बढ़ते रहो और देश के लिए मेडल जीतें रहो. जय हिन्द.’
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सूरज से पहले इस प्रतियोगिता में भारत ने 1990 में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था, तब पप्पू यादव ने स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाला था.
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ग्रीको रोम एक खास तरह की रेसलिंग है, जिसमें पहलवान को कमर से ऊपर ही अपने दाव चलने होते हैं. कोई भी पहलवान इस स्पर्धा में अपने प्रतिद्वंद्वी को कमर से नीचे नहीं पकड़ सकता और न ही वे अपने पैरों से अटैक कर सकते हैं न ही डिफेंस.
यह एक ऐसा खेल है जिसमे, तेजी, जोश और ताकत का इस्तेमाल होता है और एक खिलाड़ी को लगातार अपने प्रतिद्वंदी पर हावी होना होता है. इस रेसलिंग में कोई रेसलर ब्लॉक, होल्ड, थ्रो और टेकडाउन के तहत अंक बटोरते हैं.
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