सत्यखबर,दिल्ली
छत्रसाल स्टेडियम में चार मई की रात हुई घटना ने ओलंपिक मेडल विजेता सुशील कुमार की जिंदगी ही बदलकर रख दी। बीते नौ दिन से क्राइम ब्रांच उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि सुशील के ऊपर जो आरोप हैं, यदि वे साबित हुए और कोर्ट ने उसे दोषी माना तो फिर उसकी पूरी जिंदगी जेल की सलाखों के पीछे कटनी तय है। अब यह पुलिस के ऊपर निर्भर करेगा कि वह इस केस की जांच में किस तरह से सबूतों को इकट्ठा कर मजबूती से कोर्ट के समक्ष रख पाती है।
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वहीं अपराध विशेषज्ञ अधिवक्ता मनीष भदौरिया कहते हैं कोई भी केस कोर्ट में सबूतों और साक्ष्यों के ऊपर टिकता है। अगर वे सबूत पुख्ता हैं तो किसी भी आरोपी को सजा मिलना तय है। गवाही किसी भी केस का सबसे ज्यादा मजबूत पक्ष है। बाकी के एविडेंस सेकेंडरी होते हैं।
उन्होंने कहा कि मीडिया में आने वाली खबरों से कोर्ट को कुछ फर्क नहीं पड़ता। घटना के वक्त सागर धनकड़ के साथ मारपीट का शिकार हुए पीड़ित सोनू महाल, अमित, रविन्द्र आदि के बयान और सुशील के ही सहयोगी प्रिंस द्वारा मोबाइल से बनायी गई वीडियो क्लिप इस केस की सबसे अहम कड़ी साबित होगी।
जानिए…..सुशील के ऊपर दर्ज मुकदमा किन-किन धाराओं में दर्ज है और उनमें कितनी सजा का प्रावधान है
धारा 302, हत्या का मामला। कानून में उम्र कैद से लेकर फांसी की सजा तक का प्रावधान है। इसमें हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, एलजी या राष्ट्रपति किसी मुजरिम के अच्छे व्यवहार को देख सजा कुछ कम भी कर सकते हैं।
• धारा 308, गैर इरादतन हत्या की कोशिश करना। इसमें तीन से सात साल की सजा का प्रावधान है।
• धारा 364, किसी को हत्या की नीयत से किडनैप करना। इस मामले में दस साल से उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान है।
• धारा 365, किसी बालिग की किडनैपिंग। इस केस में सात साज तक की सजा का प्रावधान है।
• धारा 325, मारपीट में गंभीर चोट आना, जैसे हड्डी या दांत टूटना आदि। इस केस में सात साल तक की सजा का प्रावधान है।
• धारा 506, जान से मारने की धमकी देना। दो से सात साल तक की सजा का प्रावधान।
• धारा 188, सरकारी आदेश की अवहेलना करना। एक से दो महीने की सजा। यह अपराध भी जमानती है।
• धारा 169, किसी के एक्ट से बीमारी फैलने या बढ़ने की आशंका पर इस धारा को लगाया जाता है। इसमें छह महीने तक की सजा का प्रावधान है।
• धारा 120 बी साजिश, मुख्य आरोप हत्या में जो सजा का प्रावधान है, उतनी ही इसमें दी जा सकती है।
• धारा 149, बलवा। जहां पांच से ज्यादा लोग उपद्रव करते हैं, वहां यह धारा जुड़ती है। यह भी धारा 120 की श्रेणी में होने वाली सजा के दायरे में आती है।
• धारा 34, यह किसी अपराध में एक से ज्यादा मुलजिम होने के कॉमन इनटेंशन को प्रूफ करती है।
• 25 आर्म्स एक्ट, यह धारा किसी केस में अवैध हथियार मिलने पर लगती है। इसमें तीन से सात साज की सजा किसी अपराधी को हो सकती है।
पुलिस के पास ये रहेगें एविडेंस अब तक मामले में गिरफ्तार हो चुके नौ आरोपियों के बयान। घटना के वक्त मोबाइल से बनी वीडियो। एफएसएल की रिपोर्ट। सागर धनकड़ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट। घटना के वक्त मौजूद और मारपीट का शिकार लोगों के बयान। आरोपियों के मोबाइल की सीडीआर। मोबाइल लोकेशन। मौके से एफएसएल टीम द्वारा उठाए गए साक्ष्य के नमूने आदि।
ये सबूत जुटाना अभी बाकी घटनास्थल से बरामद की गई सात गाडियों में से चार का लिंक तो आरोपितों से जुड़ गया है, लेकिन अभी तीन का कनेक्शन नहीं मिला है। सुशील का मोबाइल और घटना के वक्त पहने हुए कपड़े। सुशील के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर सिस्टम। इसके अलावा वारदात में शामिल रहे अन्य आरोपियों की धरपकड़।
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