सत्यखबर,सोनीपत
कोरोना का कहर बढ़ने पर अस्पतालों में मरीजों को बेड तक नहीं मिले और गांवों में हालात बिगड़ने लगे तो उसको देखते हुए प्रशासन ने उन सभी गांवों में आइसोलेशन सेंटर बनाने का फैसला लिया था। जहां कोरोना के ज्यादा मामले मिल रहे थे, वहां जिले के ऐसे ही 50 गांवों में आइसोलेशन सेंटर बनाए गए और इनमें अधिकतर सरकारी स्कूल में आइसोलेशन सेंटर बनाए गए। यहां मेडिकल किट से लेकर अन्य सभी सुविधाएं देने की बात जरूर कही गई, लेकिन हालात यह हैं कि आइसोलेशन सेंटर बनाकर छोड़ दिए गए और वहां कोई व्यवस्था तक नहीं की गई। किसी जगह तो मरीजों के लिए तख्त लगा दिए गए हैं, लेकिन उन पर गद्दे तक नहीं हैं। ऐसे भी आइसोलेशन सेंटर हैं,
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जहां मेडिकल किट से लेकर सैनिटाइजर तक नहीं भी नहीं है। ऐसे में गांवों में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर केवल खानापूर्ति के लिए दिख रहे हैं। महमूदपुर गांव के स्कूल में आइसोलेशन की पूरी व्यवस्थाएं नहीं हैं। वहां 50 बेड लगाए गए हैं और एक कमरे में पांच बेड लगाए गए हैं। स्कूल में बिजली आपूर्ति के लिए सोलर सिस्टम लगा हुआ है, लेकिन जिन कमरों में आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। उनमें किसी में पूरे पंखे नहीं हैं तो किसी में पंखा लगा ही नहीं हुआ है। इसके अलावा कई कमरों में अभी तक बेड पर गद्दे या चादर तक नहीं बिछाई गई है, जबकि शासन को रिपोर्ट पूरी व्यवस्था बेहतर होने की भेज दी गई है।
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