सत्यखबर
ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम ने हाल में सरकार से स्पेसएक्स को अपने स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज के बीटा वर्जन की प्री-सेलिंग रोकने का कहा था। उनका कहना है कि अमेरिकी सैटेलाइट ऑपरेटर के पास इसके लिए उचित लाइसेंस या ऑथराइजेशन नहीं है। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रईस एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भारत में अपनी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की प्री-सेल का ऑफर दिया है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) ने इस बात की समीक्षा शुरू कर दी है कि क्या इससे देश के मौजूदा टेलिकॉम और टेक्नोलॉजी नियमों का उल्लंघन तो नहीं होता है।
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अगर इसे देश में अनुमति दी जाती है तो देश के ब्रॉडबैंड बिजनस में तहलका मचने का उम्मीद है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) के एक सीनियर अधिकारी ने ईटी से कहा कि विभाग यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि स्टारलिंक बीटा सर्विस से कहीं इंडियन टेलीग्राफ एक्ट, 1885, इंडियन वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट, 1933, देश की सैटकॉम पॉलिसी, 2000 और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 के प्रावधानों का उल्लंघन तो नहीं होता है। अगर यह साबित हो गया कि स्टारलिंक के ऑफर से किसी भी मौजूदा टेलिकॉम नियम का उल्लंघन होता है.
तो फिर उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि अभी तो ऐसा लगता है कि स्टारलिंक का ऑफर इंडियन टेलीग्राफ एक्ट, 1885 की धारा 4 का उल्लंघन नहीं करता है क्योंकि स्पेसएक्स को अभी देश में टेलीग्राफ पर काम करना है। कानून के तहत टेलीग्राफ का मतलब किसी अप्लायंस, इंस्ट्रूमेंट या वायर अथवा अन्य इलेक्ट्रो मैग्नेटिक एमिशंस के जरिए सिग्नल, इमेज, डेटा और साउंड्स/इंटेलीजेंस के ट्रांसमिशन में काम आने वाले अप्रेटस है। लेकिन विभाग को अभी अपना अंतिम फैसला करना है।
स्टारलिंक अगर भारत में एंट्री करती है तो यहां उसे मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो से कड़ा मुकाबला करना होगा जो 5जी लॉन्च करने की तैयारी में है। बैंक ऑफ अमेरिका ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार जियो 4जी रोलआउट भारत के इंटरनेट क्षेत्र के लिए गेम चेंजर साबित हुआ है। इसने किफायती दामों पर यूजर्स को इंटरनेट मुहैया कराया जिससे बड़े पैमाने पर डेटा उपयोग को बढ़ावा मिला। भारत में अब करीब 65 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं जो औसतन 12 GB डेटा प्रतिमाह इस्तेमाल करते हैं। जियो ने सस्ती कीमतों पर डेटा और सेवाएं प्रदान करके बाजार के आकार को बढ़ाया है। अब स्टारलिंक के आने से एक बार फिर बाजार में तहलका मच सकता है।
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