सत्यखबर, जींद: सघन पशुधन विकास परियोजना के तहत अव्वल नस्ल के पशुपालन को बढ़ावा देने के लिये जिला में 233 पशु चिकित्सा संस्थाऐं कार्यरत्त है तथा जिला मुख्यालय पर एक वैटनरी पॉलिक्लिनिक पशु अस्पताल स्थापित है। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 4199० गायों तथा 247००० भैंसों को कृत्रिम गर्भाधान विधि से गर्भित करने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक जिला में 4492० गायों तथा 233447 भैंसों को कृत्रिम गर्भाधान विधि से गर्भित किया गया है। इस विधि से गायों के 18821 तथा भैंसों के 966०9 बच्चे पैदा किए गए है। पशुओं मेें बांझपन को दूर करने के लिए समय- समय पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।
जिला में पशु पालन के व्यवसाय को आय उपार्जन का अच्छा जरिया बनाने के लिए चालू वित्त वर्ष में अनुदान पर दुग्ध डेयरी स्थापित करवाई जायेगीं। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि 21 से 5० भैसों वाली दस डेयरी,11 से 2० व 6 से 1० भैसों वाली 15-15 डेयरी, 1० भारतीय किस्म की गायों वाली 3 डेयरी, 3 से पांच भैसों वाली 5० डेयरी, 3 से 5 भारतीय गायों वाली 7 डेयरी, अनुसूचित जाति के लोगों के लिए दो- तीन भैसों वाली 127 मिनी डेयरियां स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में इस वर्ष अब तक 11 से 2० भैंसों वाली 8 दुग्ध डेयरी, 3 से 5 भैंसों वाली 76 डेयरी ,पांच भारतीय गउओं की 7 डेयरी स्थापित करने का लक्ष्य है अब तक 2 डेयरी स्थापित करवाई जा चुकी है। भेड़ एवं बकरी पालन की 8 यूनिट स्थापित करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक तीन यूनिट स्थापित करवाई जा चुकी है। मुर्गा पालन 4० यूनिट तथा सूअर पालन की 3 यूनिट स्थापित करवाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। अब तक मुर्गा पालन की 24 यूनिटें स्थापित करवाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पशुओं को बिमारी मुक्त रखने के लिए 16 हजार 6०० पशु जांच सैम्पल लेना निर्धारित किया गया है ,अब तक 26 हजार सैम्पल लिये जा चुके है।
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