सत्य खबर, रोहतक
सुनिता हत्याकांड के आरोपितों ने दोस्ती और इंसानियत के रिश्ते को तार तार कर दिया। वह न केवल राहुल के अच्छे दोस्त थे बल्कि उनके घर का बना हुआ खाना पीना खाते थे। उन्होंने उसी दोस्त की मां की हत्या कर दी। आरोपितों ने पहचान होने का फायदा उठाया और नमस्ते कर मकान में आसानी से एंट्री की।
जान पहचान होने के चलते महिला आरोपियों के मंसूबे समझ नहीं सकी। एक आरोपित ने एक महिला का मुंह दबाया और फिर धारदार हथियार से कुछ ही पलोंं में महिला की हत्या कर दी। इस दौरान महिला को चिल्लाने का भी मौका नहीं मिल सका। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपित इस बात से संतुष्ट हो चुके थे कि उन्हें कोई पकड़ ही नहीं सकता।
उनका न किसी ने चेहरा देखा था और न ही वह किसी कैमरे में कैद हुए। एक निजी स्कूल बंद होने के चलते उसके कैमरे भी बंद थे। जिसका उन्होंने फायदा उठाया। इसलिए एरिया में ही आराम से बाजार में घूमते रहे। वह दोस्तों से भी मिलकर वारदात की जानकारी लेते रहे। उन्होंने खबर से सम्बंधित हर अखबार भी पढ़ा।
जांच में पता चला कि आरोपित कई दिनों से राहुल के घर को निशाना बनाना चाहते थे। एक बार वह वारदात को अंजाम देने के लिए आए लेकिन किसी के आने पर वह वापिस चले गए थे। वारदात के दिन साहिल और सुमित मकान के प्लाट की तरफ से गए ताकि उन्हें कोई देख न सके। रविंद्र को कार में अगली गली से भेजा गया क्योंकि वह रोहतक का रहने वाला नहीं था। इसलिए उसे कोई पहचान नहीं सकता था।
राहुल जैन हत्या में अपने ही दो पूर्व साझेदारों के शामिल होने के बाद हैरान है। उसका कहना कि उनकी आपस में अच्छी दोस्ती थी, इसलिए घर आना जाना था। उनकी मां की हत्या के बाद उनका दोस्ती से ही विश्वास उठ गया।
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