तो लोग खुशी से जूम उठे, फूल बरसाये गए, नारियल फोड़ा गया, ढोलक बजाये गए
जब यहां के लोग आंदोलन करते करते परेशान हो गए थे तब भी यहां के लोगों ने कुम्भकर्णी नींद सो रहे
जब यहां के लोग आंदोलन करते करते परेशान हो गए थे तब भी यहां के लोगों ने कुम्भकर्णी नींद सो रहे
शासन व प्रशासन को जगाने के लिए ढोल धमाकों के साथ किया था अनोखा प्रदर्शन
शुरू से ही इस सड़क के लिए लड़ाई लड़ रहे जींद विकास संगठन ने इसे बताया जनता की जीत
इस सड़क को मोत की सड़क के नाम से भी जाना जाने लगा था
सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल:: 3 साल में 300 से ज्यादा आंदोलनों के बाद जब रोहतक रोड पर मात्र डेढ़ किलोमीटर लम्बी सड़क बननी शुरू हुई तो लोग खुशी से जूम उठे, फूल बरसाये गए, नारियल फोड़ा गया, ढोलक बजाये गए। यहां के लोगों में इतनी खुशी देखने को मिली मानो कोई शादी समारोह हो या फिर यहां रोहतक रोड पर कोई बहुत बड़ी परियोजना आ रही हो। यहां के लोगों ने इस रोड के लिए क्या नही किया। इस अवसर पर शुरू से ही इस सड़क की लड़ाई की अगुवाई कर आंदोलन करने वाले जींद विकास संगठन के प्रधान राजकुमार गोयल द्वारा नारियल फोड़ कर खुशी का इजाहर किया गया। जींद विकास संगठन ने फर्नीचर एसोसिएशन, अन्य समाजिक संस्थाओं व यहां के लोगों के सहयोग से कभी मानव श्रृंखला, कभी वोट का बहिष्कार, दर्जनों बार डीसी को ज्ञापन, दर्जनों बार फर्नीचर की मीटिंग, कुंभकर्णी नींद सो रहे प्रशासन को जगाने के लिए ढोल धमाकों के साथ अनोखा प्रदर्शन, पूरा रोहतक रोड बन्द, दर्जनों बार डीसी को पत्र, विधायकों को पत्र, प्रधानमंत्री मोदी को पत्र, मुख्यमंत्री को पत्र, सड़क मंत्री को पत्र, मुख्यमंत्री से बुलबुल कम्प्लेक्स में वार्ता और क्या क्या नही किया और अब जब तीन साल के बाद आज जब सड़क बननी शुरू हुई तो लोगों खुशी में झूम उठे। आज इस अवसर पर जींद विकास संगठन के प्रधान राजकुमार गोयल, फर्नीचर यूनियन के प्रधान राकेश सिंघल इत्यादि प्रमुख तोर पर उपस्थित थे। राजकुमार गोयल व् राकेश सिंघल द्वारा नारियल फोड़ कर खुशी का इजाहर किया गया। आज जब मात्र डेढ़ किलोमीटर लम्बी सड़क बननी शुरू हुई तो लोग खुशी से नाचने लगे, फूल बरसाये गए, नारियल फोड़ा गया, ढोलक बजाये गए।जींद विकास संगठन ने इसे जनता की जीत बताया है। संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल का कहना है की आज हमने सरकार और प्रशासन को झुकाने का काम किया। आज जनता जीत गयी। राकेश सिंघल, अंजू सैनी, सावर गर्ग ने कहा की सरकार और प्रशासन सड़क नहीं बना रहे थे और जनता सड़क बनवाने पर अड़ी थी। आखिरकार जनता की जीत हुई। इस अवसर पर सावर गर्ग, राजकुमार भोला, ईश्वर गोयल, रामधन जैन, पवन बंसल, अंजू सैनी, सुंदरी, सोनू जैन, सतीश शर्मा, मुनीश सिंघल, रामधन जैन, योगी, पवन सिंघल, रजत सिंघल, प्रवीण मित्तल, सोकत, विश्वनाथ, इत्यादि प्रमुख तोर पर उपस्थित थे। हम आपको बता दे कि यह सड़क मौत की सड़क के नाम से भी जानी जाने लगी थी। यह सड़क इतनी बदहाल हो चुकी थी की हर रोज यहां दुर्घटनाएं होती थी। अब तक यहां दर्जनों मोत हो चुकी थी। जिसके चलते यहां के लोग इससे मौत के नाम से पुकारने लगे थे। एक बार ऐसा समय आया कि अमृत योजना के नाम पर ठेकेदारों ने इस सडक को गलती से नहर बना कर रख दिया और अगले दिन ही बारिश हो गई। गलती से खोदी गई नहर में पानी भर गया। यह एक ऐसा नजारा था जो खुब शुर्खियों में रहा। बीच में नहर थी और दोनो तरफ सड़क थी। उसके बाद डीसी ने रोड का दौरा किया। आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। कुल मिलाकर यह सड़क पिछले 3 साल से चर्चा में रही। इस सड़क को लेकर सबसे ज्यादा संघर्ष करने वाले जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष एवं प्रमुख समाजसेवी राजकुमार गोयल का कहना है कि उन्होने कम से कम 150 चिटिठयां इस सडक को बनाने को लेकर लिखी होगी।
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