सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल: जीन्द के विकास की लड़ाई लड़ रहे जीन्द विकास संगठन ने खुलासा किया है कि रोहतक रोड़ पर कुल 12 मीटर चौड़ी सड़क बननी थी लेकिन विभाग ने 11 मीटर ही बनाई। सीएम विंडो पर शिकायत करने के बाद यह खुलासा हुआ। अब विभाग एक मीटर सड़क अलग से बनाएगा। इतनी बडी गलती की वजह से सबसे बडा असर तो डिवाईडर पर पडेगा। अब सैन्टर बनाए रखने के लिए डिवाईडर को दोबारा बनाना पड़ेगा। जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष डा. राजकुमार गोयल ने सीएम विंडो पर शिकायत की थी कि रोहतक रोड़ पर पहले 10 मीटर चौड़ी सड़क थी। डिवाईडर बनाने की वजह से इसको 11 मीटर चौड़ा बना दिया। यह एक मीटर की अतिरिक्त सड़क देवीलाल चौंक से रोहतक रोड़ बाईपास की तरफ जाते हुए लेफ्ट साईड में एक ही तरफ बढ़ा दी गई जबकि यह सड़क आधा आधा मीटर दोनों तरफ से बढऩी थी। एक तरफ 1 मीटर सड़क ज्यादा बढ़ा देने से एक तरफ दुकानों व सड़क के बीच फुटपाथ का रास्ता कम दिखाई देने लगा जबकि दुसरी तरफ ज्यादा। सीएम विडों पर यह शिकायत की गई। सीएम विडों पर शिकायत करने के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग ने अपनी सफाई पेश की कि दुसरी तरफ भी सड़क को 1 मीटर और बढाया जाना है जिसे जल्द ही बना दिया जाएगा।
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गोयल का कहना है कि यह विभाग की कितनी बडी लापरवाही है कि सडक को एक ही समय में 12 मीटर चौडा क्यो नही बनाया गया। जब इस शिकायत पर विभाग के अधिकारियों के साथ आमना सामना हुआ तो अधिकारियों का कहना था कि जो एक मीटर सड़क बननी है वह इन्टरलोकिंग ब्लाक से बनाई जानी है इसलिए साथ में नही बनाई गई। जब संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने कहा कि आपने डिवाईडर तो बीच में बना दिया जब आप 1 मीटर सड़क को और चौड़ा करेंगे तो डिवाईडर सैन्टर में कैसे रहेगा, डिवाईडर को तो दोबारा बनाना पडेगा तो विभाग के पास इसका कोई जवाब नही था। संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल का कहना है कि देखिए विभाग का कमाल। पूरी सड़क बना दी गई। डिवाईडर भी बना दिया गया। डिवाईडर को 11 मीटर सडक के अनुसार मध्य में बना दिया गया यानि 1 मीटर चौडे डिवाईडर के दोनों तरफ 5- 5 मीटर सड़क छोड़ दी गई और अब विभाग कह रहा है 1 मीटर और सड़क बनेगी। अगर विभाग की मंशा सही होती तो पहले ही डिवाईडर 12 मीटर चौडी सड़क के हिसाब से बनता क्योंकि अब जब सड़क को दूसरी तरफ से 1 मीटर और चौड़ा किया जाऐगा तो एक मीटर चौड़े डिवाईडर के एक तरफ 5 मीटर चौड़ी सडक नजर आऐगी और दुसरी तरफ 6 मीटर। गोयल का कहना है कि इस मामले की किसी एजेंसी से जांच करवाई जाए कि आखिर पहले क्यों नही सड़क को 12 मीटर चौड़ा किया गया और यदि काम बाद में ही करना था तो शुरू में डिवाईडर 12 मीटर के हिसाब से सैन्टर में क्यो नही बनाया गया।
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