सत्य खबर चंडीगढ़।
जूनियर इंजीनियर के 1624 पदों के परिणाम को हाई कोर्ट में चुनौती देने वाली एक याचिका पर हरियाणा सरकार पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जवाब नहीं दे पाई। सरकारी वकील ने कोर्ट से आग्रह किया कि उनको इस मामले में जवाब देने के लिए कुछ समय दिया जाए। हाई कोर्ट के जस्टिस मनोज बजाज ने सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई 4 अगस्त तक स्थगित कर दी।
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मामले में झज्जर निवासी तुषार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कमीशन द्वारा 6 जून को कनिष्ठ अभियंता के 1624 पदों के परिणाम को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि कमीशन ने जब इन पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया उसके अनुसार 90 अंक लिखित परीक्षा के व 10 अंक सामाजिक आर्थिक मानदंड के लिए तय किए गए थे। भर्ती के लिए परीक्षा के बाद 4 सितंबर 2019 को आयोग ने भर्ती की उत्तर कुंजी घोषित कर उस पर आपत्ति मांगी थी। आपत्ति लेने के बाद भी आयोग ने उनका निपटारा किए बगैर परिणाम घोषित कर दिया। इतना ही नहीं परिणाम घोषित होने के बाद सभी चयनित उम्मीदवार को अगले दिन यानी 7 जून को ज्वाइनिंग करवा दी। वो भी बगैर दस्तावेज की जांच के। याची ने बेंच को बताया कि इस मामले में आयोग ने परिणाम घोषित करने से लेकर ज्वाइनिंग तक नियमों के खिलाफ काम किया है। जब इस भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था उसमें साफ था कि दस्तावेज की जांच के बाद ही ज्वाइनिंग दी जाएगी। नियमों के अनुसार परिणाम घोषित करने से पहले सभी तरह की आपत्ति का निपटारा करना भी जरूरी है, लेकिन इस मामले में न तो दस्तावेज की जांच की गई और न ही आपत्ति का निपटारा किया गया। याची ने सवाल उठाया कि इस भर्ती के परिणाम घोषित करने से ज्वाइनिंग तक इतनी जल्दबाजी क्यों की गई है। इस पर हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया था।
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