सत्य खबर झज्जर (संजीत खन्ना) :- बंद है खिड़कियां कोई खोलता नहीं, सब हुए हैं मौन कोई बोलता नहीं…ये स्थिति है झज्जर जिले के उस गांव बाढ़सा की है जहां पचास मीटर की दूरी पर निजामूदीन के तबलिकी जमात के 120 लोगों को एम्स टू की आवासीय कॉलोनी में लाकर क्वांरटाईन किया गया है…इसी सप्ताह लाए गए इन लोगों के यहां आने के बाद से गांव बाढ़सा में उन लोगों की मनोस्थिति थोड़ी खराब हो गई है जोकि इनके आने से पहले काफी खुशहाल जिंदगी को गुजर-बसर किया करते थे…मौजूदा समय में गांव का हर व्यक्ति सहमा हुआ है…और इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित है कि अगर वायरस गांव में फैल गया तो पूरा गांव बर्बाद हो जाएगा…गांव की महिला सरपंच के परिवार के अलावा गांव के काफी लोगों ने सैकड़ों युवाओं की सेफ्टी को लेकर भी सवाल उठाए हैं…. वीओ- ग्रामीणों का कहना है कि गांव के करीब तीन सौ से ज्यादा युवा एम्स टू में सिक्योरिटी गार्ड, साफ-सफाई समेत अन्य कार्यों के लिए लंबे समय से काम कर रहे हैं…इन युवाओं की माने तो तबलिगी समाज के जो लोग यहां पर लाए गए हैं….उनमें से 94 लोग कोरोना के पॉजीटिव है…जिसकी सूचना के बाद से ही बाढ़सा गांव के लोग अपने घरों में दुबके हैं…और इस महामारी से बचाव के लिए भगवान से प्रार्थना भी कर रहे है
गांव की महिला सरपंच के परिवार के ही जोगेन्दर ने नम आंखों से बताया कि उनका पूरा का पूरा गांव मौजूदा समय में बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है….सरकार जल्द से जल्द उनके गांव के युवाओं के अलावा पूरे गांव की सेफ्टी करने के लिए कदम उठाए…उधर गांव के ही अन्य ग्रामीणों ने ये भी कहा कि बाढ़सा के एम्स टू में जिन तबलिगी समाज के लोगों को रखा गया है…वहीं एम्स परिसर में हर रोज नोट गिरे हुए भी मिलते हैं….उन्हें अंदेशा है कि शायद प्रलोभन के तौर पर इन नोट पर थूक वगैरह लगाकर क्षेत्र में वायरस फैलाने की भी साजिश हो सकती है….उनका ये भी कहना था कि यहां पर काम करने वालें युवाओं को रिश्वत देने की भी निरन्तर कोशिश की जा रही है…ग्रामीणों ने गांव बाढ़सा को अतिरिक्त सिक्योरिटी दिए जाने की भी मांग की है
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