सत्यखबर पिंजौर (ब्यूरो रिपोर्ट) – लॉक डाउन में टैक्सियों की पासिंग पर टैक्सी चालकों को देनी पड़ी 13 सौ पैनल्टी, टैक्सी चालकों में जिला प्रशासन और हरियाणा सरकार के खिलाफ भारी रोष। शिव भगत टैक्सी स्टैंड पिंजौर के सैकड़ों टैक्सी चालकों में इस बात को लेकर भारी रोष पाया जा रहा है कि कोरोना वायरस में लगे पिछले ढाई महीने से लॉक डाउन में जहां टैक्सी चालकों का धंधा बंद है, और ऊपर से बेरोजगारी छाई है और सभी टैक्सी, मैक्सी कैब और ऑटो चालक घरों में पिछले ढाई महीनों से घरों में कवारेंटीन है।
टैक्सी चालक मलकीत सिंह नागरा, विक्की कश्यप, कर्म सिंह, जगदीप जग्गा जग्गू, अशोक कुमार, जसबीर सिंह, राजेश कुमार, अरुण शर्मा, दीप चंद, बलदेव सिंह, मंदीप सिंह व अन्य टैक्सी चालकों ने बताया कि सरकार ने कोविड-19 में टैक्स पर पैनल्टी ना लगाने की घोषणा की थी और उन्हें अपने वाहन की पासिंग करवाने की एवज में 13 सौ रुपए अधिक देने पड़ गए। टैक्सी चालकों ने कहा कि वैसे पहले टैक्सी पासिंग करवाने में मात्र 600 रुपए लगते थे, लेकिन अब कोविड-19 में उन्हें अपने वाहनों को पास करवाने के परमिट के लिए 19 सौ रुपए जमा करवाने पड़े।
जिन की रसीद भी टैक्सी चालकों ने दिखाई। टैक्सी चालकों ने कहा कि उत्तराखंड सरकार की ओर से टैक्स 2 साल का माफ कर दिया गया है। जबकि हरियाणा में ऐसा नहीं किया गया है। हालांकि टैक्स माफ करने की पहले घोषणा की गई थी। लेकिन यहां के टैक्सी चालकों में भारी रोष है कि कोविड-19 में भी हरियाणा सरकार ने उन्हें भी नहीं बख्शा गया है।
गौरतलब है कि इन दिनों टैक्सी चालक अपने वाहनों के परमिट को पास करवाने के लिए पंचकूला दफ्तरों में जा रहे हैं टैक्सी चालकों के कहना है कि और उन्हें 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पैनल्टी देनी पड़ रही है। जबकि पहले उन्हें मात्र 600 ही भरने पड़ते थे अब उन्हें 600 की बजाय उन्नीस सौ रुपए जमा करवाने पड़े। जिस कारण टैक्सी चालकों में हरियाणा सरकार के खिलाफ भारी रोष है। टैक्सी चालकों ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि उनका भी टैक्स माफ किया जाए।
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