सत्यखबर, यूपी
खाद को लेकर किसानों का चल रहे बवाल बीच शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी शुक्रवार सुबह 7.07 बजे सावरमती एक्सप्रेस से रेलवे स्टेशन पर उतरीं। यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप आदित्य जैन सहित कई कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। उनका काफिला पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंचा जहां कुछ देर रुकने के बाद मृतक किसानों के परिवार से मिलने के लिए पाली अथवा नया गांव जाएंगी। इससे पहले कांग्रेस महासचिव वाड्रा ने बृहस्पतिवार रात ललितपुर जाते समय लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर कुलियों से मुलाकात की। कुलियों ने उन्हें अपनी आजीविका से जुड़ीं समस्याएं बताईं, जिस पर प्रियंका ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया। बाद में प्रियंका ट्रेन से ललितपुर के लिए रवाना हो गईं। प्रियंका ललितपुर में किसानों से उनकी समस्याओं को समझेंगी।
सपा, बसपा और किसान संगठन भी सरकार को घेरने में जुटे
लखीमपुर की घटना के बाद जनपद में खाद को लेकर किसानों का विरोध सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। खाद के मुद्दे पर हो रही सियासत में सपा और बसपा के अलावा किसान संगठन भी सरकार को घेरने में लगे हैं। बृहस्पतिवार को सपा के प्रदेश महासचिव ने मृत किसानों के परिजनों के घर जाकर कहा कि सपा सरकार बनने पर मृत किसान के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिलाने का काम किया जाएगा। खरीफ की फसल से बर्बाद हुए किसानों को बारिश होने से उम्मीद थी कि इस बार रबी की फसल ठीक होगी लेकिन बुवाई से पहले ही डीएपी की किल्लत ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। सुबह से लेकर रात तक खाद की दुकानों पर डेरा डाले किसानों का खाना पानी भी वितरण केंद्र पर हो रहा। वहीं महिलाएं भी चौका चूल्हा छोड़कर लाइन में लग गई थी। खाद के लिए लाइन में लगे किसान की मौत पर शासन ने भले ही दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता कर दी है लेकिन सपा व बसपा इस मामले को गर्माने में जुट गई।
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भाकियू नेता राकेश टिकैत का आना स्थगित
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुंदेलखंड में किसानों की मौत पर ट्वीट जारी कर पार्टी की मंशा जाहिर कर दी। जिलाध्यक्ष दयाराम अहिरवार ने कहा कि अन्नदाता की समस्या सुलझाना शासन-प्रशासन की जिम्मेदारी है। इधर किसान संगठन भी धरना प्रदर्शन कर विरोध जता रहे हैं। शुक्रवार को भाकियू नेता राकेश टिकैत के तीन दिवसीय कार्यक्रम की भनक लगते ही प्रशासन अलर्ट हो गया लेकिन बृहस्पतिवार देर शाम उनके कार्यक्रम के निरस्त होने की जानकारी पर राहत महसूस की।
खाद न मिलने से दुखी किसान ने लगाई फांसी
खाद के लिए मची मारामारी के बीच ललितपुर में दो किसानों की मौत हो गई है। एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। परिजनों ने आरोप लगाया कि खाद न मिलने की वजह से वो हताश था, जिससे उसने ये आत्मघाती कदम उठा लिया। जबकि, प्रशासन ने परिजनों के इस आरोप को नकार दिया। वहीं, खाद के लिए तीन दिन से कतार में लग रहे एक किसान की बीते दिन हालत बिगड़ गई थी और उसकी मौत हो गई। इन दोनों घटनाओं से किसानों में खासा रोष है।
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