सत्यखबर, हिसार
शहर में आज बुधवार को गैस पाइप लाइन बिछाने के लिए जिन किसानों की जमीन इस प्रोजेक्ट में गई है उनका आरोप है कि मुआवजाराशि उम्मीद के अनुरूप नहीं है। जिसे लेकर आज यहां किसान संगठनों ने विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा की कोठी के घेराव की चेतावनी दी गई थी। हालांकि डिप्टी स्पीकर चंडीगढ़ बताए जा रहे हैं और चेतावनी के अनुसारकिसान फिलहाल उनके घर के आगे धरने पर बैठ गए हैं। वहीं यहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
बता दें कि हिसार जिले के हांसी इलाके के गांव उमरा, सुल्तानपुर, ढंढेरी, पु_ी मंगल खां से गैस की पाइप लाइन गुजरती है। गुजरात से पंजाब के बठिंडा के लिए दबाई गई इस पाइप लाइन के लिए किसानों को जमीन एक्वायर किए जाने के एवज में मुआवजा दिया गया था। किसानों का कहना है कि उन्हें प्रति एकड़ 12 लाख की दर से 5 फीट एरिया का ही मुआवजा दिया जा रहा है जो तकरीबन 30 हजार रुपए बन रहा है, जबकि कलेक्टर रेट के हिसाब 33 लाख एकड़ की दर से यह 90 हजार रुपए होना चाहिए।
किसानों के अनुसार 5 फ ीट जमीन का नाममात्र मुआवजा देकर 50 फीट जमीन कब्जाई जा रही है। असल में गाइडलाइन में लिखा है कि पाइप लाइन के दोनों और 55 फीट के दायरे में किसान न तो पौधारोपण कर सकता है न घर बना सकता है और न ही टैंक आदि बना सकता है। इसके अलावा गांवों में खेत कहीं ऊंचे तो कहीं नीचे हैं, इसके बावजूद 6 फीट नीचे लाइन दबाई जा रही है। अगर किसी किसान का खेत ऊंचा है और यह पाइप लाइन वहां से गुजर गई तो किसान 25 फीट तक किसान अपनी जमीन को लेवल नहीं कर पाएगा। वहीं धरने पर बैठे किसानों का आरोप है कि पाइपलाइन के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं, नहरी खाले तोड़ दिए गए हैं। उनका कोई मुआवजा नहीं दिया जा रहा।
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हालांकि कृषि विभाग की 3 अफ सरों की टीम भी इस पाइपलाइन को दबाने के तरीकों को गलत बता चुका है। धरना दे रहे किसानों की मांग है कि मुआवजा बढाया जाए, लेवल एक समान लेवल कराया जाए। वहीं समाचार लिखे जाने तक कोई प्रशासनिक अधिकारी किसानों के पास नहीं पहुंचा था हालांकि पुलिस के डीएसपी स्तर के अधिकारी धरना स्थल पर मौजूद रहे।
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