सत्य खबर, चण्डीगढ़। हरियाणा में ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिए पांच ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ खोले जाएंगे। इनके अलावा, 20 आईटीआई या बहुतकनीकी संस्थानों में भी रिसर्च सेंटर आरंभ किए जाएंगे। यह जानकारी हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने वीरवार को ‘हरियाणा इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी’ का ड्राफ्ट फाइनल करने के लिए बुलाई गई उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, एमएसएमई एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद दी। इस अवसर पर राज्य मंत्री अनूप धानक भी उपस्थित थे।
डिप्टी सीएम ने बताया कि ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिए राज्य में पांच ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ खोले जाएंगे जिनको प्रत्येक को 5 करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसी प्रकार 20 आईटीआई या बहुतकनीकी संस्थानों में भी रिसर्च सेंटर आरंभ किए जाएंगे जिन को 25-25 लाख की वित्तीय मदद की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि शोध एवं अन्य क्षेत्र में धन की कमी नहीं रहने दी जाएगी, बशर्ते उच्च गुणवत्ता का कार्य होना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों को भी ‘ई-व्हीकल’ खरीदने पर विशेष रियायत दी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा ई-व्हीकल निर्माता कंपनियों, प्रयोग करने वाले वाहन चालकों तथा चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने वाले लोगों को फोकस करके ‘हरियाणा इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी’ बनाई जा रही है जिसमें उनको विशेष छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार दोपहिया, तिपहिया तथा चारपहिया ई-व्हीकल्स को प्रोत्साहित करने पर बल दे रही है। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश सरकार की योजना है कि वर्ष 2022 में राज्य में ई-व्हीकलों की भारी तादाद हो। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि ई-व्हीकल के लिए बनाई जा रही प्रदेश की ‘हरियाणा इलेक्ट्रिक व्हीकल पोलिसी’ पूरे देश में सबसे बेहतर हो।
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