सत्य खबर, चंडीगढ़ । कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस गैंग से जुड़े बदमाश प्रिंस तेवतिया की शुक्रवार को तिहाड़ जेल में हत्या कर दी गई। 2010 के बाद से वह लगातार आपराधिक वारदातें कर रहा था। उस पर हत्या, लूट, आर्म्स एक्ट व अन्य धाराओं में 16 केस थानों में दर्ज थे। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने तेवतिया को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा था।
शुक्रवार शाम करीब 5.10 बजे तिहाड़ की जेल नंबर 3 में हुई गैंगवार में तेवतिया पर कुछ बदमाशों ने चाकू से कई वार किए। गंभीर रूप से जख्मी तेवतिया को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस गैंगवार में 3 अन्य कैदी भी घायल हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक तेवतिया ने पहले अब्दुर रहमान नामक कैदी पर हमला किया, जिसके बाद रहमान और तेवतिया के साथियों के बीच झड़प हो गई।
2008 में तेवतिया के खिलाफ झगड़े का पहला केस दर्ज हुआ था। इसके बाद उसने अपराध जगत का चेहरा बनने की ठान ली। दरअसल, प्रिंस तेवतिया के पिता को किसी लड़के ने थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद प्रिंस ने लड़के की हत्या कर दी। 2010 में पुलिस ने उसे दिल्ली के अंबेडकर नगर इलाके में हत्या के इस मामले में गिरफ्तार किया।
प्रिंस ने गिरफ्तारी के बाद खुद को नाबालिग साबित करने के लिए जाली कागजात पेश किए थे। साकेत थाने में कोर्ट के आदेश पर जालसाजी का भी मुकदमा दर्ज हुआ था।
बताया जाता है कि प्रिंस तेवतिया अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाने के लिए एक के बाद एक वारदात कर रहा था। इसी बीच वह गैंगस्टर लॉरेंस के संपर्क में आया था। लॉरेंस जैसे बड़े गैंगस्टर से हाथ मिलाने के बाद उसका सिक्का चल निकला था।
पुलिस ने एक बार गिरफ्तारी के दौरान तेवतिया के पास से हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद किया था। गिरफ्तारी से पहले प्रिंस तेवतिया एक बड़ी गैंगवार को अंजाम देने की फिराक में था।
प्रिंस तेवतिया के पिता डीडीए से रिटायर हैं। तेवतिया ने दसवीं में ही पढ़ाई छोड़ दी थी। उसी दौरान वह गलत लोगों के संपर्क में आ गया था। वर्ष 2008 में वह पहली बार झगड़े के मामले में पुलिस के हाथ आया था।
मर्डर केस में नामजद होने के बाद प्रिंस तेवतिया कई साल तक जेल में रहा। 2015 में बाहर आया तो फिर से वारदात करने लगा। 2019 में वह अपनी शादी के लिए तीन दिन की पैरोल पर बाहर आया, जिसके बाद फरार हो गया। कुछ महीने बाद अक्टूबर में स्पेशल सेल ने एनकाउंटर में उसे दबोच लिया।
पुलिस की इस कार्रवाई में वह पैर में लगी गोली से जख्मी हो गया था। वह सात महीने जेल में बंद रहा। पिछले साल वह जमानत पर बाहर आया और फिर उसने कोर्ट में फर्जी कोरोना प्रमाण पत्र जमा करवा दिया। नतीजतन, तिलक मार्ग थाने में फिर से इसके खिलाफ कोर्ट के आदेश पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज हुआ।
प्रिंस तेवतिया दक्षिणी दिल्ली का कुख्यात गैंगस्टर था। तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर रोहित चौधरी समेत कई गैंगस्टरों से उसकी दुश्मनी थी। दुश्मनी बढ़ने पर तेवतिया ने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस और हाशिम बाबा से हाथ मिला लिया था।
दिल्ली के कई थानों में तेवतिया के खिलाफ 16 केस दर्ज हैं। खानपुर की दुग्गल कॉलोनी के रहने वाले तेवतिया के पिता सरकारी अफसर रहे हैं। उसकी एक बहन और एक भाई है।
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