सत्य खबर, चण्डीगढ़
पिछले कई सालों से आम जन का मंहगाई ने बुरा हाल किया हुआ है। इसलिए आज हम बात मंहगाई पर ही कर रहे हैं। जिसने आपकी रातों का सुकुन और चैंन दोनों पर डाका डाल रखा है। ये मंहगाई लगातार बढ़ती जा रही है और जनता की जेब ढीली हो रही है। जिसके चलते जनता त्राहिमाम है, पर शायद इससे केंद्र सरकार व राज्य सरकार को आराम है। इसलिए तो दोनों ही सरकार इस तरफ से आंखें बंद किए हुए हैं।
हाय राम ! मंहगाई डायन खाए जात है। आपने ये शब्द अकसर सुने होंगे। अकसर ही जनता की जेब को खाली होते देखा होगा। या यूं कहें कि इस डायन का असर आपकी जेब पर भी पड़ रहा होगा। लेकिन सरकार को इससे क्या , जी हां हम सही कह रहें हैं। हरियाणा राज्य की गणबंधन सरकार तो मौज में है। जनता की समस्याओं को दरकिनार कर कारपरेट टैक्स से मोटी कमाई की जा रही है। जैसा ही आप सबकों पता ही है कि पिछले कुछ महिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम मानों सातवें आसमान को भी पार कर गए हैं। शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब इन दोनों के दामों में बढ़ौतरी नहीं होती हो।
हालात यह हो चले हैं कि पेट्रोल के शतक के बाद अब डीजल भी शतक लगाने की तैयारी में है पर सरकार को कौन समझाए कि ये कोई खेल का शतक नहीं है। जिससे दर्शक रूपी जनता तालियां बजाएगी। कोरोना काल के बाद से ही लोगों की आमदनी ना के बराबर हो गई है। लोगों के पास ना तो नौकरी रही और ना ही जेबों में पैसा, पर मंहगाई को कहां कुछ दिखता है अरे ये तो छोडि़ए अपनी जेबों की डोर जनता ने जिन हाथों में सौंपी थी। मानों वो भी कुंभकरणी नींद में सोए हुए हैं।
बता दें कि कांग्रेस के कार्यकाल में पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय कर 9.20 रुपये था, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने अब इसके बढ़ाकर 32 रुपये कर दिया गया है। जिसके बाद जनता के समक्ष कुछ ऐसे चौंकाने वाले आकड़ें सामने आए जिसे सुन आप भी हैरान रह जाएंगे। इस आकड़ों के मुताबिक वित्तीय साल 2020-21 में आयकर के रूप में केंद्र के पास 4.69 लाख करोड़ का टैक्स जमा हुआ जबकि पेट्रोल.डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट के रूप में 5.25 लाख करोड़ का टैक्स जमा किया गया, यानि पिछले साल के मुकाबले इस साल ये कर 25 फि सदी ज्यादा रहा। जिसे लेकर पिछले कुछ समय से विपक्ष की ओर से लगातार केंद्र को घेरा जा रहा है।
वहीं बात हरियाणा की करें तो हरियाणा में पेट्रोल पर 25 और डीजल पर 16.40 फीसदी वैट है। जिसके बाद हरियाणा में पेट्रोल का रेट 94.40 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है, वहीं डीजल का दाम 88.04 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इससे पहले पिछले 13 महिनों में ही पेट्रोल की कीमतों में 26.26 रुपये और डीजल की कीमतों में 24.47 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। बात अगर 2014 की करें तो उस समय में हरियाणा में कांग्रेस का राज था उस वक्त पेट्रोल पर वैट 21 प्रतिशत था जो अब हरियाणा की गठबंधन सरकार में बढक़र 30 प्रतिशत हो गया है, तो वहीं डीजल पर 9.24 प्रतिशत वैट था जो अब बढक़र 21.40 प्रतिशत हो गया है। जी हां ये आकड़ें भी आपको हैरत में डालने वाले हैं और सही भी हैं।
शायद तभी बीजेपी सरकार ने पिछले छह साल में हरियाणा की जनता से 50 हजार करोड़ से ज्यादा का कर वसूला है और मंहगाई की इस दौड़ में जनता रेस के ट्रैक की तरह इन करो के पैरों तले रौंदी जा रही है। वहीं बात करें मंहगाई पर बोलने की तो जब कांग्रेस सत्ता में थी तब जैसे ही पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ते थे तभी बीजेपी नेता प्रदर्शन कर जनता को उसका सबसे बड़ा शुभचिंतक बताने की कोशिश करते थे। जबकि अब बीजेपी सत्ता में है पर आए दिन बढ़ रहे पेट्रोल व डीजल के दामों पर कुछ नहीं बोल रही है। यही नहीं इसके अलावा भी हर वस्तु के दामों में बेतहाशा बढ़ौतरी हो रही है।
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इस बारे में कुछ बुद्विजीवियों का मानना है कि केन्द्र की बीजेपी सरकार व हरियाणा की गठबंधन सरकार गरीबी को तो नहीं गरीबों को खत्म करने पर तुली हुई है।
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