सत्य खबर, सोनीपत
तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। वहीं 26 मई को इस आंदोलन को पूरे 6 महीने हो जाएंगे जिसके लिए किसान पहले से ही कह चुके हैं कि पूरे देश में 26 मई को किसान काला दिवस मनाएंगे। हर घर, कार व अन्य वाहनों पर काले झंडे लगाकर इन तीन कृषि कानूनों का विरोध किया जाएगा। जबकि इसी के साथ कई दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एक बार फि र वार्तालाप का दौर शुरू करने की बात कह चुका है। हालांकि इस पत्र के बाद कहीं ना कहीं किसानों में एक दूसरे का विरोधाभास भी देखने को मिल रहा है जिस पर किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा में कहा कि यह हमारा अंदरूनी मामला है और हम इस को जल्द से जल्द निपटा लेंगे।
ये भी पढ़े… हिसार में जुटे हजारों किसान, जो किसानों पर हुई एफआईआर का करेंगे विरोधकेंद्र सरकार ने पिछले साल कृषि के क्षेत्र में 3 नए कृषि कानून पास किए थे। इसके बाद पंजाब से एक किसान आंदोलन का जन्म हुआ जो कि इन तीनों कानून को वापस कराना चाहता था और जिसके बाद पूरे देश में इन तीनों कृषि कानूनों को वापसी करने की मांग जोर-शोर से उठनी शुरू हुई तो पंजाब से किसान दिल्ली में इसका विरोध करने के लिए निकल पड़े। हरियाणा सरकार ने जगह-जगह किसानों को रोकने का प्रयास भी किया लेकिन सरकार विफल रही और आखिर में किसान 26 नवंबर 2020 को दिल्ली के कुंडली बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पहुंच गए लेकिन दिल्ली पुलिस ने किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी और किसानों को दिल्ली नहीं घुसने दिया तो किसान हरियाणा की सीमाओं पर ही अपने आंदोलन को मजबूत करने के लिए बैठ गए और यहीं पर धरने शुरू कर दिए। अब 26 मई को इस किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे होने जा रहे हैं। जिसको लेकर किसान अलग-अलग तरह की रणनीति बना रहे हैं। घोषणा की जा चुकी है कि 26 मई को पूरे देश भर में किसान काला दिवस मनाएंगे। जबकि 31 मई को एक और अहम बैठक करके आगमी रणनीति तय की जाएगी।
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